Home Agra News उत्तर प्रदेश वेडिंग इंडस्ट्री मुख्यमंत्री तक पोस्टकार्ड के जरिये पहुंचाएगी अपना दर्द

उत्तर प्रदेश वेडिंग इंडस्ट्री मुख्यमंत्री तक पोस्टकार्ड के जरिये पहुंचाएगी अपना दर्द

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  • रचनात्मक आंदोलन से मुख्यमंत्री तक अपना दर्द पहुंचाएगी वेडिंग इंडस्ट्री।
  • उत्तर प्रदेश वेडिंग इंडस्ट्री संघर्ष समिति मुख्यमंत्री को भेजेगी पांच हजार पोस्टकार्ड।
  • शादियों और मांगलिक कार्यक्रमों में मैरिज होम्स, बैक्वेट हाल, फॉर्म हाउस की क्षमता के अनुरूप मेहमानों को बुलाने की अनुमति दी जाए।
  • हर हफ्ते के रविवार और शनिवार को होने वाले कार्यक्रमों की अनुमति प्रदान की जाए। इसका कारण सप्ताह के अंतिम दो दिनों में ही अधिकतर मांगलिक काम होते हैं।

आगरा। उत्तर प्रदेश वेडिंग इंडस्ट्री संघर्ष समिति की ओर से शुक्रवार को उत्सव मैरिज होम में आयोजित बैठक में व्यापारियों का दर्द दिखा। वेडिंग इंडस्ट्री को फिर से खड़ा करने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अपनी बात पहुंचाने के लिए रचनात्मक आंदोलन शुरू करने की घोषणा की गई। बैठक में फैसला लिया गया कि इंडस्ट्री से जुड़े सभी व्यवसायी पांच हजार पोस्टकार्डों के माध्यम से मुख्यमंत्री तक अपनी आ‍वाज पहुंचाएंगे। इसके पहले चरण में प्रतिदिन एक हजार पोस्ट कार्ड मुख्यमंत्री को भेजे जाएंगे। इसके अलावा ट्वीट करके भी सीएम तक अपनी आ‍वाज पहुंचाई जाएगी। संघर्ष समिति के वरिष्ठ सदस्य मनीष अग्रवाल ने कहा कि रचनात्मक आंदोलन को हरेक जिले तक पहुंचाया जाएगा। बैठक का संचालन संदीप उपाध्याय और भरत शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संजय अग्रवाल ने दिया।

ये रहे मौजूद
बैठक में अनिल गोयल, राजा गोयल, आशीष बंसल, मनीष अग्रवाल कैटर्स, सुनील शर्मा, वरुण अग्रवाल, स्वपनि कुलश्रेष्ठ, हर्ष सिन्हा, संतोष चक, शिखा जैन, हर्ष सिसौदिया, वरदान शर्मा, अरुण सक्सेना, विक्रांत शर्मा, सुंदर लाल, अब्दुल सलीम, रश्मि बख्शी, पुनीत मनचंदानी, नंदू, पवन आदि मौजूद रहे।

व्यवसाय हुआ चौपट
कोरोना ने हमारे व्यवसाय को चौपट कर दिया है। जिन लोगों को हम शादियों और पार्टियोंं में खाना खिलाते थे, आज हमारे परिवार को ही खाने के लाले पड़ गए हैं। सरकार को हमारे सैंगमेंट के बारे में गंभीरता से विचार करना होगा। राहत पैकेज की घोषणा होनी चाहिए। सरकार से हमारा वादा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। मांगलिक कार्यक्रमों में कम से कम चार सौ लोगों की संख्या मान्य की जाए। तभी व्यापार बचाया जा सकता है।
संजय अग्रवाल
निदेशक, शंभूनाथ कैटरर्स

सकारात्मक पक्ष में सोचे सरकार
उत्तर प्रदेश वेडिंग इंडस्ट्रीज संघर्ष समिति के बैनर तले हम सभी एक मंच पर आकर सरकार तक अपनी आ‍वाज पहुंचाने के लिए रचनात्मक तरीके से आंदोलन शुरू करेंगे। सरकार को यह काफी गंभीरता से सोचना होगा कि अगर इस व्यापार से जुड़े व्यापारियों को ऑक्सीजन देनी है, तो इस दिशा में जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाना होगा। इस व्यापार को बचाने के लिए पांच हजार पोस्टकार्ड के माध्यम से सरकार को जागरूक करने का काम करेंगे। जल्द ही सरकार को हमारे सेक्टर के लिए जल्द से जल्द सकारात्मक पक्ष में सोचना होगा।
मनीष अग्रवाल
निदेशक, रावी इवेंट

जल्द जारी हो नई गाइड लाइन
सर्विस और वेडिंग इंडस्ट्री के लिए सरकार का कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाई दे रहा है। अफसोस सिर्फ इस बात का है कि सरकार जिस तरह से अन्य इंडस्ट्री के बारे में सोच रही है, उतना ध्यान हमारी इंडस्ट्री पर नहीं दिया जा रहा है। हम पूरी तरह से टूट चुके हैं। घर चलाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। हम चाहतें कि हमारी इंडस्ट्री के लिए सरकार जल्द ही नई गाइड लाइन जारी करे। मैरिज हॉल की क्षमताओं के हिसाब से मेहमानों की संख्या की अनुमति दी जाए। सरकार को अपनी नई गाइडलाइन जारी करनी चाहिए। हमारे मैरिज हॉल की क्षमता के हिसाब से अतिथियों की अनुमति प्रदान की जाए। हमारे पास दर्जनों की संख्या में स्किल्ड और अनस्किल्ड लेबर हैं, जो भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।
पवन कुमार
निदेशक, सियाराम कैटर्स

कामगार की सोचे सरकार
कोरोना के कारण वेडिंग इंडस्ट्री इस समय सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। सरकार को चाहिए कि अगर इस इंडस्ट्री में काम करने वाली हजारों लेबरों के घरों के चूल्हे जलते रहें, तो वह जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाए। सरकार जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा करे। अगर यह कदम जल्द नहीं उठाया गया, तो निश्चित रूप से हमारी इंडस्ट्री के लिए यह दौर और मुश्किल भरा हो जाएगा।
मोहन सैनी
निदेशक, गोपाल जी फ्लावर डेकोरेटर

सरकार समझे लेबर का दर्द
हमने तीस साल की अपनी वेडिंग इंडस्ट्री में इतने बदतर हालत कभी नहीं दिखे। हजारों की संख्या में काम करने वाली लेबर पूरी तरह से बेकार बैठी है। सभी बेरोजगार हो चुके हैं। लेबर को वेतन देने के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है। हमारी दिक्कत और लेबर का दर्द सरकार को जल्द समझना होगा। इस समय इंडस्ट्री से जुड़े सभी व्यापारियों की दिक्कत को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समझना होगा। उन्हीं से इस समय सभी को काफी आस है।
भरत शर्मा
निदेशक, मिलन बैंड

परिवार चलाना हुआ मुश्किल
वेडिंग इंडस्ट्री फोटोग्राफी के बिना अधूरी है। पांच महीने से कोई काम नहीं मिल रहा। हम सोचने लगे हैं कि अगर ये ही हालत रहे, तो परिवार चलाना काफी मुश्किल हो जाएगा। हमारी स्थिति काफी खराब हो चुकी है। फोटोग्राफी व्यवसाय से जुड़े लोग सड़क पर आ चुके हैं। किसी भी कार्यक्रम की बुकिंग हमारे पास नहीं है। शनिवार और रविवार को कार्यक्रमों की अधिकता रहती थी। उनमें से भी पिछले पांच महीने से एक भी कार्यक्रम नहीं हुआ है। हम सरकार से अपनी इंडस्ट्री के लिए शनिवार रविवार को लॉकडॉउन से मुक्त रखने की मांग करते हैं।
संजय गोयल
निदेशक, स्पीड कलर लैब

क्षेत्रफल के हिसाब से हो अनुमति
सर्विस प्रोवाइडरों के लिए यह दौर इतना बुरा हो चुका है कि कभी-कभी रात में व्यापार की चिंता को लेकर नींद खुल जाती है। यही चिंता सता रही है कि अगर सरकार ने इस समय हमारे सेक्टर के बारे में नहीं सोचा, तो यह हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाएगा। हम एक सर्विस प्रोवाइडर हैं, पर सर्विस रिसीवर बाजार में ही नहीं है। जल्द ही सरकार की नई गाइड लाइन आनी चाहिए। हम पूरी तरीके से बेरोजगार हो चुके हैं। कार्यक्रमों के लिए मैरिज होम के क्षेत्रफल के हिसाब से अतिथियों की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।
संदीप उपाध्याय
निदेशक, इंपैक्ट सलूशन

बैंक की किश्तें भी नहीं निकल रही
वेडिंग इंडस्ट्रीज से हम लाइट डेकोरेटर हैं। अब सरकार की तरफ से बड़ी शादियों की अनुमति नहीं है। शादियों में ज्यादा संख्या या मांगलिक कार्यक्रम में ज्यादा संख्या नहीं हो सकती। इस कारण लोग लाइट डेकोरेशन नहीं करा रहे हैं। काफी नुकसान हो रहा है। व्यवसाय में लाखों रूपये का इन्वेसटमेंट कर रखा है। बैंक की किश्तें तक नहीं निकल पा रही हैं। हमारे से जुड़ी लेबर बेरोजगार हो चुकी है। सरकार को हमारी ओर सोचना होगा। हम पोस्टकार्ड अभियान के माध्यम से सरकार को जागरूक करेंगे और उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगे।
कुलदीप पालीवाल
निदेशक, पालीवाल लाइट एंड साउंड

डेकोरेटर इंडस्ट्रीज बुरी तरह आहत
वेडिंग इंडस्ट्रीज के सभी व्यापारी का एक मंच पर आये यह अपने आप में एक अनूठी पहल है सरकार को हमारी और सोचना चाहिए डेकोरेटर इंडस्ट्रीज बुरी तरीके से आहत हमारे गोदाम डेकोर के सामान से भरे पड़े हैं काम ना होने की वजह से लेबर अपने घर जा चुकी है इस सीजन की तैयारियां पूरी तरीके से ठप हो गई हमारे पास आने वाला समय भी अनिश्चितता को लेकर आ रहा है सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है हमारे पास बड़े-बड़े मैरिज हम किराए पर हैं जिनका किराया निकलना भी बहुत मुश्किल हो चुका है सरकार को नई गाइडलाइन सर्विस सेक्टर के लिए देनी होंगी आगरा टूरिस्ट और वेडिंग इंडस्ट्री के हिसाब से बड़ा स्थान है सरकार को सोचना होगा।
तरुण अग्रवाल
निदेशक, सुमंगलम डेकोरेटर

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