Home National HOPE INDIA CONCLAVE 2020 जीतेगा भारत बदलेगी तस्वीर

HOPE INDIA CONCLAVE 2020 जीतेगा भारत बदलेगी तस्वीर

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  • सीसीएलए व टीबीआई-9 ने किया आयोजन “होप इंडिया कॉन्क्लेव”।
  • कॉन्क्लेव में मीडिया एवं उद्योग से जुड़े दिग्गजों ने रखे विचार।

आगरा। देश ही नहीं पूरा विश्व मुश्किल में है, आजीविका के साधन प्रभावित हैं। इसके बावजूद कोरोना माहमारी के बीच भारत के हर व्यक्ति के मन में उत्तम स्वास्थ्य और विकास के साथ खुशहाली की आशा बरकरार है। यही नहीं आज भारत इस आपदा को अवसर में बदलने तैयार है, ऐसे समय में भी उद्योग जगत और मीडिया से जुड़े दिग्गजों में जो जज्बा देखने को मिला उससे भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने की संभावनाओं को बल मिला है। मौका था शुक्रवार को कॉर्पोरेट काउंसिल फॉर लीडरशिप एंड अवेयरनेस (सीसीएलए) एवं टीबीआई-9 मीडिया नेटवर्क द्वारा रावी इवेंट्स के सहयोग से “होप इंडिया कॉन्क्लेव” के आयोजन का जिसमें वर्तमान परिदृश्य में भारत की आशा विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे।

कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यमंत्री डॉ. जी एस धर्मेश, एफमेक के अध्यक्ष पूरन डाबर, अप्सा के अध्यक्ष सुशील गुप्ता और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। संचालन रावी इवेंट्स के निदेशक मनीष अग्रवाल व अतिथियों का स्वागत सीसीएलए के महासचिव अजय शर्मा एवं टीबीआई 9 के निदेशक ब्रजेश शर्मा और डॉ. आर.एन. शर्मा ने किया। इस दौरान सीएफटीआई के निदेशक सनातन साहू, मोशन अकेडमी के निदेशक डॉ. अरुण शर्मा, रामकुमार शर्मा, राजकुमार उप्पल, हरीबाबू, धीरज शर्मा, निशांत शर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

कॉन्क्लेव को कोविड-19 महामारी के चलते बेहद सादगी और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया गया। कॉन्क्लेव में निर्धारित लोगों की संख्या के अतिरिक्त लगभग सैंकड़ों लोगों की सहभागिता वर्चुअल रही। कॉन्क्लेव में उद्योग जगत में अपनी विशिष्ट कार्यशैली से देश में ख़ास मुकाम बनाने वाली शख्सियतों को द लीजेंड 2020 अवार्ड से नवाज़ा गया। यह सम्मान उन्हें प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने प्रदान किया।

  • अवार्ड प्राप्त करने वालों में ये रहे शामिल
  • पूरन डावर, अध्यक्ष, एफमेक
  • एके जैन, डॉक्टर सोप
  • गुरु स्वरूप श्रीवास्तव, कलाप्रेमी
  • सुशील गुप्ता, चेयरमैन, प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल
  • शत्रुघ्न सिंह चौहान, पूर्व सैन्य अधिकारी
  • डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा, चेयरमैन, रैनबो हॉस्पिटल
  • किशोर खन्ना, प्रबंध निदेशक, रोमसंस ग्रुप
  • डॉ. प्रशांत शर्मा, निदेशक, ग्लोबल इंस्टीट्यूट
  • विष्णु कुमार गोयल, चेयरमैन, मुंशी पन्ना मसाला उद्योग
  • राजेश गर्ग, निदेशक, प्रकाश जनरेटर
  • डॉ. मुकेश गोयल, एमडी, गोयल सिटी हॉस्पिटल
  • डॉ. अशोक शर्मा, चेयरमैन, साइंटिफिक पैथोलॉजी
  • डॉ. सुरेंद्र सिंह भगौर, एमडी, यशवंत हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर
  • कंवलजीत सिंह कोहली, एमडी, करम उद्योग
  • जितेन्द्र त्रिलोकानी, एमडी, डर्बी फुटवियर एक्सपोर्ट्स

राज्य मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री मोदी हैं तो देश मे सब कुछ संभव है। देश को पहले तो फूट डालो और राज करो की नीति के साथ विदेशी आक्रांताओं ने लूटा और इसी तरह आजादी के 70 सालों तक पूर्व की सरकारों ने देश को लूटा। राम मंदिर का निर्माण और धारा 370 का खात्मा मोदी सरकार के विराट स्वरूप और उच्च आदर्शों के कारण ही संभव हुआ है। साथ ही होप इंडिया कॉन्क्लेव में आज की चर्चा का स्वरुप देश में सरकार की जन हितैषी नीतियों का परिणाम है।

कॉन्क्लेव में दो पैनल में चर्चा हुई जिसमें पहले पैनल का संचालन द कैपिटल पोस्ट की एडिटर गरिमा सिंह ने किया। वहीं दूसरे पैनल का संचालन इंडिया न्यूज के सीनियर एडिटर यतेंद्र शर्मा ने किया। दोनों सत्रों में वर्तमान परिदृश्य में भारत की आशा बिषय पर पेनलिस्ट ने अपने विचार रखे। पैनल में उद्योग और मीडिया जगत के दिग्गजों ने शिरकत की। विनय पतसरिया, पूर्व एमएलसी अनुराग शुक्ला, मुरारी प्रसाद अग्रवाल, महेश धाकड़ सहित आदि ने अपने विचार रखे।

जिंदगी में सब कुछ कायम है उम्मीद पर
जिंदगी में सब कुछ उम्मीद पर ही कायम है इसलिए हमें सदैव सकारात्मक और संवेदनशील रहते हुए काम करना चाहिए, लोगों की प्रतिभा के अनुसार मौका देने की आवश्यकता है जिससे आने वाले समय में भारत एक बहुत बड़े मुकाम को हासिल कर सके।
-डॉ. अनुराग बत्रा, चेयरमैन, बिजनेस वर्ल्ड

ऐसा कोई हिस्सा नहीं जहां न लहरा रहे हो भारतीय अपनी पताका
भारत कभी सोने की चिड़िया कहलाता था परंतु आजादी के 70 साल बाद भी देश में बदलाव नहीं आया, देश के लोगों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, एशिया और यूरोप का ऐसा कोई हिस्सा नहीं जहां पर भारतीय अपनी पताका ना लहरा रहे हो। ‘तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर, अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर’।
-राजेश बादल, पूर्व कार्यकारी निदेशक, राज्यसभा टेलीविजन

नजर बदलो तो नजारे बदल जाएंगे
देशवासियों को सर्वप्रथम अपने इतिहास व गौरव को जानना होगा। सोच बदलो तो सितारे बदल जायेंगे, नजर बदलो तो नजारे बदल जाएंगे। अब कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं, इरादे बदलो किनारे बदल जायेंगे। देश ने 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनामी बनाने का लक्ष्य लिया जिसे पूरा भी किया है। कोरोना की मार के बावजूद देश दोगुनी रफ्तार से तरक्की करेगा।
-संदीप मारवाह, फाउंडर, नोएडा फिल्म सिटी

भीड़ से हटकर होनी चाहिए पहचान
मीडिया को अपनी विश्वसनीयता को बनाये रखने के लिये सत्य के साथ जुड़कर कार्य करना चाहिए। भीड़ के हिस्से से अलग हटकर अपनी एक अलग पहचान बनानी चाहिए। लोगों को बड़ी उम्मीदें रखनी चाहिए क्योकि जब बड़ी उम्मीदें होती है तो काम भी बड़े होते हैं।
-अजय शुक्ला, चीफ एडिटर, आईटीवी नेटवर्क

देश के नेतृत्व से मिला रहीं हैं हर रोज नई प्रेरणा
देश में पिछले 6-7 वर्षों में बहुत बड़े बदलाव हुए हैं व देश को नई ताकत मिली है। देशवासियों को कार्य करने के लिए ऐसा नेतृत्व मिला है जो हर रोज लोगों को नई प्रेरणा देता है। नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय व राष्ट्रीय भाषा पर सरकार का कदम देश की उन्नति में मील का पत्थर साबित होगा। हम हिंदी में सोचते हैं, हिंदी में स्वप्न देखते हैं तो कार्यक्रम व चर्चाओं में भी हिंदी भाषा का प्रयोग क्यों नहीं करते। भारत में आज तमाम संभावनाएं हैं। भारत उद्योग जगत में देश दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बनेगा।
-पूरन डाबर, रीजनल चेयरमैन, सीएलई-नार्थ

कोरोना के अलावा और भी हैं समस्याएं
कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा और भी कुछ समस्याएं हैं उन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। जिस प्रकार आज देश सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ रहा है उससे लगता है कि यदि विजन स्पष्ट हो तो हर स्थिति में आप कामयाबी के रास्ते प्रसस्त कर सकते हैं।
-यतेंद्र शर्मा, सीनियर एडिटर, इंडिया न्यूज़

गुरुकुल की शिक्षा परंपरा थी बहुत समृद्ध
हमारी गुरुकुल की शिक्षा परंपरा बहुत ही समृद्ध थी लेकिन आज की शिक्षा व्यवस्था भारत को गर्त की ओर ले जा रही है इसमें सुधार की आवश्यकता है सरकार ने हाल ही में इस दिशा में जो कदम उठाया है वो प्रशंसनीय है। अब एक नई आशा इस दिशा में भी जागी है लगता है शिक्षा जगत में जल्द नया सवेरा होगा।
-गरिमा सिंह, एडिटर, द कैपिटल पोस्ट

मीडिया को कायम रहना होगा अपनी विश्वनीयता पर कायम
मीडिया के सामने आने वाली चुनौतियों पर मीडिया से निपटने के लिए मीडिया को ही अपनी विश्वनीयता पर कायम रहना होगा। देश में जो घटित हो रहा है। उसे सत्य व राष्ट्र हित से जोड़कर लोगों के सामने प्रस्तुत करना चाहिए।
-विनीता यादव, फाउंडर, न्यूज नशा

बेरोजगारी के कारण बढ़ रही है अपराधों की संख्या
कोरोना काल में बेरोजगारी के कारण अपराधों की संख्या बढ़ी है हमें इस पर अंकुश लगाने के उपाय तलाशने होंगे, अपराधों पर लगाम लगे और लोगों को रोजगार मिल सके।
-प्रमिला दीक्षित, मीडिया विश्लेषक

चुनौतियों के साथ सामने आये हैं नए अवसर
कोरोना काल में आज चुनौतियों के साथ नए अवसर भी आये हैं, जिनको हमें नकारात्मकता से निकलकर अपनी क्षमताओं को निखारते हुए काम करना होगा। सिर्फ मेडिकल के क्षेत्र में ही नहीं हमें कई क्षेत्रों में आगे बढ़कर देश को विश्व के मानचित्र पर चमकाना है।
-किशोर खन्ना, एमडी, रोमसंस ग्रुप

अन्य देशों से आज भी बेहतर है भारत की स्थिति
हमने कहानी सुनी है चींटी की, जो बार-बार गिरती है और चढ़ती है, बाद में उसे सफलता मिल ही जाती है। हमें उससे सबक लेना चाहिए। हमारे देश व उसके उद्योग की अन्य देशों जैसी हालत नहीं हुई है। हमारे यहां की स्थिति अन्य देशों से आज भी बेहतर है। इसलिए निराश नहीं होना चाहिए।
-गुरु स्वरूप श्रीवास्तव, चेयरमैन, स्वरुप ग्रुप ऑफ इण्डस्ट्रीज

भयभीत होने से कुछ नहीं होगा
कोरोना वायरस के बारे में सभी लोग जान चुके हैं, उससे जूझने में भी सभी की भलाई है। भयभीत होने से कुछ नहीं होगा। जीवन को खुशियों से संवारोगे तो हर ओर खुशियां ही खुशियां छा जाएंगी।
-सुशील गुप्ता, चेयरमैन, प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल

उत्पादन में विश्व की बड़ी क्षमता बनेगा भारत
कोरोनावायरस से कम से कम जन और आर्थिक हानि हो इसके प्रयास के लिए सरकार ने सराहनीय प्रयास किए हैं। आज विश्व भारत के उत्पादन पर विश्वास जता रहा है, एक उम्मीद से देश की ओर देख रहा है। देश आने वाले समय में उत्पादन के मामले में विश्व की एक बड़ी क्षमता बनेगा।
-डॉ. सुरेंद्र सिंह भगौर, एमडी, यशवंत हॉस्पिटल

कोई संदेह नहीं कि भारत बनेगा विश्व गुरु
भारत विश्व गुरु बनेगा, इस बात में कोई संदेह नहीं। आज देश कोरोना काल के प्रभाव के बावजूद प्रगति के पथ पर अग्रसर है। जहां समूचा विश्व केवल जिंदगी की जंग लड़ रहा है वहीं भारत विकास की इबादत लिखने को तैयार हो रहा है।
-शत्रुधन सिंह चौहान, पूर्व सैन्य अधिकारी

गिर-गिर कर उठना ही है दुनियां का दस्तूर
हमें उन देशों से सबक लेना चाहिए, जो कोरोना से बहुत खराब हालत में आ गए थे और अब वे तेजी से विकास कर रहे हैं। उद्योगों के साथ कभी न कभी विषम परिस्थिति आ ही जाती है। गिर-गिर कर उठना ही है दुनियां का दस्तूर, हिम्मत न हारने बाले जरूर पाते हैं विजय।
-जितेन्द्र त्रिलोकानी, एमडी, डर्बी फुटवियर एक्सपोर्ट्स

निराशा से रुक जाती है विकास की गति
उद्योगपति को तो कभी निराश नहीं होना चाहिए, निराशा से विकास की गति रुक जाती है, इसलिए लगातार काम करते रहना चाहिए। समाज का और स्वयं का वही व्यक्ति उत्थान करता है, जिसमें हर हालत में काम करने का जज्बा होता है, उसी की आज आवश्यकता है।
-मुरारी प्रसाद अग्रवाल, चेयरमैन, एकता बिल्डर

भारतीय जानते हैं गिरकर उठना
होप इंडिया कॉन्क्लेव ने वर्तमान परिदृश्य में देश के उद्योग, मीडिया और सामाजिक चिंतन से जुड़े पहलुंओं को उजागर किया। देश की नब्ज को टटोलने की कोशिश की है। परिचर्चा में जो सामने आया वह निश्चित रूप से हमें यह समझने के लिए काफी है कि भारत विषम परिस्थितियों में भी गिरकर उठना जानता है यह देश के स्वर्णिम भविष्य का संदेश है।
-ब्रजेश शर्मा, निदेशक, टीबीआई 9

सकारात्मक विचार करते हैं प्रोत्साहित
होप इंडिया कॉन्क्लेव में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों के बीच जो चर्चा हुई वह निश्चित रूप उद्योग जगत को नई दिशा देने में कामयाब साबित होगी, लगातार जिस तरह से सकारात्मक विचार वक्ताओं के सामने आए, वह प्रोत्साहित करते हैं और वर्तमान परिदृश्य में भारत की नई आशा को सकारात्मक नजरिया देश को आगे ले जाने को आतुर है।
-अजय शर्मा, आयोजक, होप इंडिया कॉन्क्लेव

हर परिस्थिति में समान भाव से रहना ही है जीवन
आशा से ही जीवन में नया संचार आता है, निराश लोगों से दूरी बना कर रखें तभी जीवन को अच्छी गति मिल सकेगी। उद्योग हो, सरकारी या गैरसरकारी नौकरी, उतार-चढाव आते ही हैं। हर परिस्थिति में समान भाव से रहना ही जीवन है। कॉन्क्लेव में जो संदेश निकलकर सामने आया है वह प्रभावित करने वाला है।
-मनीष अग्रवाल, निदेशक, रावी इवेंट्स

हताशा से पैदा होता है व्यक्ति में अवसाद
जीवन को खुशियों से संवारोगे तो हर ओर खुशियां ही खुशियां छा जाएंगी, दुख तो मुंह फाड़े हर समय खड़ा ही है। हताशा से व्यक्ति में अवसाद पैदा होता है और उससे जीवन में खतरा भी रहता है। इसलिए निराशा को त्याग कर हमेशा खुश रहने की आदत डालनी चाहिए। जीवन निरंतर साधना का नाम है।
-डॉ. रामनरेश शर्मा, उपाध्यक्ष, सीसीएलए

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