आगरा। भारत देश में जमातियों के बाद मंडल में कोरोना संक्रमण को सबसे अधिक फैलाने में जिम्मेदार पारस हॉस्पिटल को मन जा रहा है। हॉस्पिटल के संचालक अरिंजय जैन और मैनेजर एसपी यादव के खिलाफ प्रशासन से जानकारी छुपाये जाने और सही रिपोर्ट न देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। कोरोना संक्रमण को आगरा सहित आस-पास के जिलों में फैलाने वाले भगवान टॉकीज स्थित पारस हॉस्पिटल को लेकर शहरवासियों में आक्रोश था। लोग बार- बार कार्रवाई की मांग कर रहे थे। अकेले इस एक हॉस्पिटल की वजह से आगरा के कई लोग संक्रमित हो चुके थे। जिनमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण के फैलने का सिलसिला 6 अप्रैल को शुरु हुआ था उसके बाद दो दर्जन से अधिक लोग सिर्फ इस हॉस्पिटल के संपर्क में आने से पीड़ित हुए हैं।
मात्र 10 दिन में दो दर्जन से अधिक कोरोना पॉजिटिव
आगरा में लगातार बढ़ रहे है कोरोना पॉजीटिव मरीजों के आंकड़ों में पारस हॉस्पिटल बड़े स्पॉट के रूप में सामने आया है। इस हॉस्पिटल से इलाज कराने वाले मरीज दर्जनभर से अधिक जिलों के हैं। आगरा सहित मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा तक में यहां से संक्रमित होकर गए लोगों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है। पारस हॉस्पिटल और कोरोना संक्रमण का पहला केस 6 अप्रैल को आया था। इस हॉस्पिटल में ढोलीखार निवासी महिला भर्ती थी। उसकी हालत में सुधार न होने पर उसके परिजन उसे मथुरा के प्राइवेट हॉस्पिटल में लेकर गए। जब 6 अप्रैल को उसकी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मथुरा से लेकर आगरा तक में हड़कंप मच गया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई कर पारस हॉस्पिटल खाली करवाया। यहां का स्टाफ और मरीज यमुना पार क्षेत्र के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में क्वारंटाइन किये गए। उन सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए। इसके बाद तो जैसे आगरा में कोरोना मरीजों का विस्फोट हो गया है। 9 अप्रैल को एक साथ 7 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। महज दस दिनों के भीतर संक्रमितों का आंकड़ा 25 को पार कर गया। इसी दौरान 2 संक्रमितों की मौत भी हो गई।