लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। एक और बड़ी सहयोगी अपना दल ने भाजपा से अलग होने का फैसला लिया है। अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अब हमारी पार्टी अपना अलग रास्ता चुनने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि हमारी कुछ समस्याएं थी, जिसमें हमने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बताया था लेकिन उन्होंने इसके समाधान में कोई इच्छा जाहिर नहीं की, लिहाजा हम अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।
शीर्ष नेतृत्व नहीं सुन रहा अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भाजपा के साथ हमे कुछ समस्याएं थी और उसको हमने शीर्ष नेतृत्व के सामने रखा भी और 20 फरवरी तक हमने उन्हें समय दिया कि इन समस्याओं का समाधान करे लेकिन उन्होंने इन समस्याओं का समाधान नहीं किया।
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इससे यही प्रतीत होता है कि भाजपा को शिकायतों से कोई लेना देना नहीं है और समस्याओं के समाधान में कुछ रुचि नहीं है, इसलिए अपना दल अब स्वतंत्र है, अपना रास्ता चुने के लिए। हमारी पार्टी की बैठक हमने बुला ली है और पार्टी जो तय करेगी वो हम करेंगे।
28 फरवरी को लिया जाएगा फैसला हालांकि अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा कि हम अभी भी एनडीए के सहयोगी हैं और फरवरी के अंत तक पार्टी के अन्य नेताओं के साथ बैठक के बाद भविष्य का फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम एनडीए का हिस्सा हैं, हमे उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ कुछ समस्याएं हैं, जिसे हमने केंद्रीय नेतृत्व के सामने उठाया है। लेकिन अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है। आज हमने फैसला लिया है कि कोर कमिटी की बैठक 28 फरवरी को होगी, जिसके बाद भविष्य का फैसला लिया जाएगा।
हम चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बने आशीष पटेल ने बताया कि अपना दल को भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। हम ईमानदारी से चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से चुने जाए। लेकिन उसके लिए भाजपा को उत्तर प्रदेश में अपना रवैया बदलना पड़ेगा। अगर हमारी मांगे मान ली जाती हैं तो हम 2019 के चुनाव में एनडीए का फिर से समर्थन करेंगे।
ये है पार्टी की मांग अपना दल और यूपी सरकार के बीच विवाद के बारे में आशीष पटेल ने कहा कि हमने मांग की है कि हमारी पार्टी के कार्यकतार्ओं को अलग-अलग कॉपोर्रेशन में पद दिया जाए, भाजपा ने प्रदेश में 300 नियुक्तियां की हैं, लेकिन इसमे हमारे एक भी कार्यकर्ता को मौका नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अपना दल किसी अन्य पार्टी के साथ बातचीत नहीं कर रही है। पिछले वर्ष दिसंबर माह में अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि भाजपा छोटे दलों को सम्मान नहीं दे रही है।




































