
आगरा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ कवि व गीतकार प्रो. सोम ठाकुर के दिल की वेदना आज उभर कर सामने आ गई। स्वाधीनता संग्राम सेनानी रोशन लाल गुप्त ‘करुणेश’ के फेसबुक लाइव पेज पर आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम में जब उन्होंने अपनी कविता सुनाई “आजादी के परवानों की अमर कहानी भूल गए, अपना कुनबा याद रहा सब की कुर्बानी भूल गए।”
आज की वर्तमान परिस्थितियों में जो स्वतंत्रता सेनानियों और आजादी के दीवानों का हाल है, इन पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने अपने दिल की पीड़ा का बयान किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आपने करुणेश जी के स्वाधीनता संग्राम में योगदान का जिक्र किया और बताया कि मैं उनसे अनेक बार मिला। वह पंडितों से भी बड़े ज्ञानी थे और आयुर्वेद के भी ज्ञाता थे। उनकी स्मृति में भी प्रो. ठाकुर ने एक कविता “त्याग बल करुणेश ” का पाठ किया।कार्यक्रम के अंत में जब आपने राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत अपनी कालजयी कविता “सौ-सौ नमन करूं मैं भैया सौ-सौ नमन करूं, मेरे भारत की माटी है चंदन और अबीर” सुनाई तो सोशल मीडिया पर उपस्थित सैकड़ों श्रोता खुशी से झूम उठे।

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ गीतकार डॉ राजकुमार रंजन ने किया । विस्मृत सेनानियों की याद में इस कार्यक्रम की शुरुआत 28 जून को उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने की थी। उसके उपरांत इस पटल पर प्रमुख समाजसेवी व स्वाधीनता सेनानी रानी सरोज गौरिहार, अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना काजल शर्मा, सुविख्यात होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. आर एस पारीक व फिल्म कलाकार शंकर साहनी भी पटल पर अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।
आज के कार्यक्रम में डॉ. शशि तिवारी, डॉ. राजेंद्र मिलन, अनिल कुलश्रेष्ठ, अमीर अहमद जाफरी, हर प्रकाश, विजय जैसवाल सहित काफी संख्या में सुधीजनों ने भाग लिया।