आगरा। शताब्दी की इस भयंकर त्रासदी से निपटने की अत्यधिक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आगरा ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थान बना चुकी निर्यातक संस्था आगरा फ़ुटवियर मैन्युफ़ैक्चरस एवं एक्सपोटर्स चेम्बर की भूमिका इस संकट में भी अग्रणी है। जरूरतमंदों की मदद के लिए जिस प्रकार संस्था द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं वेहद सराहनीय हैं.
संकट के दौर से गुजर रहा है कारोवार
यह सर्वविदित है न केवल भारत में लॉकडाउन के कारण अपितु लगभग पूरे विश्व में लॉकडाउन के कारण उद्योग बंद है जो ग्रीष्म ऋतु के माल जा चुके हैं, कुछ पहुँच चुके है और कुछ विभिन्न यूरोपीय पोर्ट्स पर हैं वहीं कुछ समुद्र पर और कुछ मुंबई पोर्ट पर पड़े है जो कैन्सल हो चुके हैं।शीत क़ालीन जी बड़ा सीज़न होता है जिसमें लगभग 2500 करोड़ का निर्यात होता है जोकि पूरी तरह प्रभवित है वहीं इंडस्ट्री में काम करने वाले मजदूरों की भी हर सम्भव मदद जरुरी है।

विषम परिस्थितियों में भी की जा रही जरूरतमंदों की मदद
आज की विषम परिस्थितियों के बावजूद एफमैक के सदस्यों ने इस त्रासदी में आगरा में कोई भूखा न रहे के लिये सहयोग की अपील नज़ीर अहमद के नेत्रत्व में की गयी। समिति के कन्वीनर कैप्टन राणा, उपाध्यक्ष रूबी सहगल, गोपाल गुप्ता,शाहरुन मोहसिन, सुनील जोशन, राजन कपूर, सहित समिति ने 90 लाख रुपये एकत्रित कर 5000 पेकेट 2000 रुपये प्रति पेकेट खाद्य सामग्री रात दिन लगाकर और लॉकडाउन के बावजूद व्यवस्था की गयी है। सामग्री वितरण के लिये तैयार है प्रशासन के सहयोग से सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से आवश्यकता अनुसार वितरण की व्यवस्था की जा रही है।
पीएम केयर फंड में भी दी गई सहायता
इसके अतिरिक्त आगरा के निर्यातकों द्वारा पीएम केयर फंड में भी 51 लाख भेजा जा चुका है और भी निर्यातक यथा सम्भव भेज रहे हैं। इसके अतिरिक्त सक्षम डावर मेमोरीयल ट्रस्ट द्वारा चलायी जा रही भोजन व्यवस्था में एफमैक के अनेक सदस्य लगातार सहयोग कर रहे हैं। एफमैक के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया की एफमैक उद्योग की समस्याएं सरकार तक पहुचनी हों या समाज एवं श्रमिकों के प्रति कर्तव्य हो एफमैक हमेशा अपनी अग्रणी भूमिका निभाती है और निभाती रहेगी। इस वैश्विक संकट में हमारी संस्था आज पूरी तरह देश के हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है।