
पूर्व प्रिंसिपल रहे डा. विनोद माहेश्वरी
आगरा। आगरा के प्रतिष्ठित कालेज आगरा कॉलेज में हिंदी विभाग की अध्यक्ष रहीं डा. रेखा पतसरिया ने शुक्रवार को कॉलेज के प्राचार्य के रूप में पदभार संभाल लिया है उन्होंने कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव की बात कहते हुए कॉलेज के शैक्षणिक स्तर के सुधार पर जोर दिया।

पदभार ग्रहण करने पहुंचीं आगरा कॉलेज की नवागत प्राचार्य डा. रेखा पतसरिया ने सबसे पहले आगरा कॉलेज पहुंचकर मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लिया, उसके बाद वह कार्यालय पहुंची और अधिकारियों व मीडिया और शुभचिंतकों की उपस्थिति में तमाम औपचारिकताओं के बीच पदभार संभाला। इससे पूर्व आगरा कॉलेज के प्रिंसिपल रहे डा. विनोद माहेश्वरी, जिन्होंने दिसंबर 2018 में पदभार ग्रहण किया था लगभग 20 माह के कार्यकाल में कॉलेज की बेहतरी के लिए कई काम किये। उनका कहना है कि वह अपने कार्यकाल से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि वह इतने कम समय में अपने छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए जितना कुछ कर पाए उससे वे संतुष्ट है और यही उनका पारितोषिक और पुरस्कार है उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में कोई भी आंदोलन या गड़बड़ी नहीं हुई और मीडिया का भी भरपूर सहयोग मिला, हालाँकि कोरोना के कारण कॉलेज की कुछ गतिविधियां बाधित जरूर हुईं।

आगरा कॉलेज की ही स्टूडेंट रहीं रेखा पतसरिया का कहना है कि वह पिछले प्राचार्य के कार्यकाल से काफी संतुष्ट हैं उन्होंने बताया कि वह कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष रूप से काम करना चाहती है साथ ही इस कॉलेज के शिक्षण स्तर को भी बेहतर बनाए रखने की कोशिश में जुटी हैं, उन्होंने वर्तमान में विश्व स्तर पर चल रही कोविड-19 की चुनौती से जूझने के लिए कॉलेज में सैनिटाइजेशन और स्वच्छता का काम कराने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि वह इसी कॉलेज की स्टूडेंट भी रही है इसलिए उनका कॉलेज से दिली लगाव है और अपने छात्र और अध्यापक जीवन में जन समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ा वह उस पर काम करना चाहती हैं उन्होंने कहा कि स्टूडेंट को कॉलेज में कैसा माहौल मिलना चाहिए जिससे स्टूडेंट कॉलेज में बार-बार आना चाहें।
बहरहाल आगरा कॉलेज देश के सर्वोच्च शिक्षण संस्थानों में शुमार है। जिसकी गरिमा बनाए रखने और बेहतर शिक्षण के लिए प्राचार्य पद पर एक अनुभवी प्राचार्य की जरूरत थी जो रेखा पतसरिया के आने से पूरी हो गई है और एक बार फिर लगने लगा है कि आगरा कॉलेज फिर से बुलंदियां छूने लगेगा।

आगरा दयालबाग निवासी रेखा पतसरिया शहर के एक जाने-माने अधिवक्ता और रंगकर्मी विनय पतसरिया की धर्मपत्नी हैं। उनकी दो बेटियां हैं जिनकी शादी हो चुकी है। डा. रेखा पतसरिया साहित्यकार डा. रामगोपाल सिंह चौहान की सुपुत्री हैं। प्रारंभ से ही परिवार में उन्हें साहित्यकार विभूतियों का सानिध्य मिला। चचेरे भाई पदमश्री डा. लाल बहादुर सिंह चौहान एवं चाचाजी डा. शिवदान सिंह चौहान, हंस पत्रिका के संपादक थे। 15 सितंबर 1983 में आगरा कालेज में हिंदी विभाग में प्रवक्ता के पद पर अध्यापन कार्य प्रारंभ किया। 1987 में केएमआई के निदेशक डा. विद्यानिवास मिश्र के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया। अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित हो चुके हैं। अब तक उनकी तीन पुस्तकें छप चुकी हैं।

इस दौरान डा. रेखा पतसरिया को बधाई देने उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह, सांसद प्रो.एसपी सिंह बघेल सहित शहर की कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं।