नई दिल्ली। अमेरिका के डेमोक्रेट सांसदों ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने नई दिल्ली और इस्लामाबाद में मौजूद अमेरिकी राजदूतों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने का आग्रह किया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
भारत-पाक के बीच तनाव, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
डेमोक्रेट सांसदों के समूह ने शुक्रवार को भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर और पाकिस्तान में राजदूत पॉल डब्ल्यू जोन्स को पत्र लिखा। पत्र के मुताबिक, अमेरिकी सांसदों ने कहा कि ऐसे हालात में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर नहीं हो पाएंगे। यह वैश्विक शांति और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
दोनों देशों का सहयोग, हमारे लिए महत्वपूर्ण
पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत दोनों ही अमेरिका के महत्वपूर्ण सहयोगी हैं। अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के साथ ही इस क्षेत्र में तनाव कम होना हमारे हितों के लिए आवश्यक है। यह बेहद जरूरी है कि हम उनकी (भारत-पाक) सरकार के साथ अपने संबंधों का लाभ उठाकर स्थिति बेहतर करें।
इन सांसदों ने किए, पत्र पर हस्ताक्षर
पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में इल्हान उमर, राउल एम ग्रिजल्वा, एंडी लेविन, जेम्स पी मैक्वर्न, टेड लियु और एलन लोवेनथाल हैं। ये सभी डेमोक्रेट्स हैं।
पाकिस्तान को नहीं करना चाहिए,आतंकवाद का समर्थन
वहीं, गुरुवार को चार अमेरिकी सांसदों ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर चिंता जताते हुए अपील की थी कि भारत जम्मू-कश्मीर में संचार व्यवस्था बहाल करे और हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करे। साथ ही कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन कश्मीर को अस्थिर करने वाले कोई भी कदम उठाने से बचना चाहिए।
ट्रम्प ने अपना मदद करने का प्रस्ताव, चौथी बार दोहराया
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 9 सितंबर को कहा था कि पिछले दो हफ्तों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से कम हुआ है। साथ ही उन्होंने चौथी बार दोनों देशों की मदद करने का प्रस्ताव दोहराया था। ट्रम्प ने कहा था, ‘‘मेरे दोनों देशों से अच्छे संबंध हैं। मैं उनकी मदद करना चाहता हूं और वे यह जानते हैं।’’