नई दिल्ली। तब्लीगी जमात में शामिल सभी 960 विदेशियों के भारत आने पर 10 साल तक सरकार ने रोक लगा दी है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। इससे पहले उत्तरी दिल्ली में इसी साल 24 फरवरी को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने नई चार्जशीट पेश की थी। इसमें कहा गया था कि हिंसा के तार तब्लीगी जमात और यूपी के दारुल उलूम देवबंद से जुड़े हैं।
पुलिस ने हिंसा मामले में दाखिल कीं दो नई चार्जशीट
पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को सीएए और एनआरसी के विरोध में हिंसा हुई थी। पहला केस चांद बाग हिंसा और दूसरा मामला जाफराबाद दंगे से जुड़ा है। पुलिस ने चांद बाग हिंसा मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दंगों का मास्टरमाइंड बताया है। पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में दो चार्जशीट दाखिल की थीं।
ताहिर के अलावा उनके भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया है। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हिंसा के वक्त ताहिर हुसैन अपने घर की छत पर था और उसने ही हिंसा भड़काने का काम किया था।
हिंसा से पहले देवबंद गया राजधानी स्कूल का मालिक फैसल भी आरोपी
- उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में राजधानी स्कूल के पास भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है। उसमें राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुक को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में कहा गया कि हिंसा के मामलों से पहले उत्तर प्रदेश के दारुल उलूम देवबंद गया था। उसके निजामुद्दीन मरकज से भी ताल्लुकात हैं।
- सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा- फैसल की कॉल डिटेल देखने के बाद पता लगा है कि उसके पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, पिंजरातोड़ ग्रुप, जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी, निजामुद्दीन मरकज और अन्य मुस्लिम संगठनों से संबंध हैं। हिंसा की साजिश में भी फैसल का हाथ है। शिव विहार कॉलोनी में हुई हिंसा से पहले फैसल 23 फरवरी को देवबंद गया था। उसने ही हिंसा भड़काने की साजिश रची थी।