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बुरे समय में चाणक्य की बातों को रखें याद

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कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ और शाश्त्रनीतिग्य चाणक्य की बातें आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य श्रेष्ठ शिक्षक होने के साथ साथ श्रेष्ठ विद्वान भी थे। चाणक्य को अर्थशास्त्र के अतिरिक्त अन्य विषयों का भी गहरा ज्ञान था। चाणक्य ने मनुष्य को प्रभावित करने वाले सभी विषयों को बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था। चाणक्य की मानें तो हर व्यक्ति के जीवन में बुरा समय आता है। चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की सही पहचान बुरे वक्त में ही होती है। चाणक्य का कहना है कि जिस प्रकार से रात होती है, रात के बाद दिन होता है उसी प्रकार से व्यक्ति को जीवन में कष्ट के बाद सुख की प्राप्ति होती है। ये एक चक्र है जो जीवन में चलता रहता है इसकी कारण मनुष्य के जीवन में सुख और दुख का आना जाना बना रहता है।

चाणक्य के अनुसार मनुष्य को बुरे वक्त के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। बुरा वक्त मनुष्य को मजबूत बनाता है। जिस प्रकार से अग्नि में तप कर सोना कुंदन बनता है उसी प्रकार से खराब समय मनुष्य को बहुत कुछ सीखा कर जाता है इसलिए बुरे वक्त से कभी भी घबराना नहीं चाहिए। बस कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-

आत्मविश्वास कभी न खोएं-बुरे वक्त में मनुष्य को कभी भी अपने आत्म विश्वास को कमजोर नहीं होने देना चाहिए। क्योंकि आपका आत्म विश्वास ही बुरे वक्त से लड़ने में सबसे अधिक मददगार साबित होता है।
बुरा समय रिश्तों को समझाता है-चाणक्य के अनुसार मनुष्य को रिश्तों की सही समझ बुरे समय में ही होती है। जब बुरा वक्त आता है तो मतलबी और मौका परस्त लोग तुंरत साथ छोड़ देते हैं। जो लोग आपसे सच्चे मन से जुड़े होते हैं वही बुरे वक्त में साथ निभाते हैं। इसलिए बुरे वक्त में जो साथ खड़ा रहे उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
धैर्य बनाए रखें-चाणक्य के अनुसार कितना भी बुरा वक्त क्यों न हो, मनुष्य को धैर्य नहीं खोना चाहिए। मन में एक उम्मीद और विश्वास बनाए रखना चाहिए। जीवन में दुख के बादल स्थाई नहीं होते हैं एक समय के बाद दुख को जाना ही होता है। लेकिन इस समय को मजबूती से मुकाबला करना चाहिए। मन में नकारात्मक विचारों को नहीं लाना चाहिए।

चाणक्य के ये कथन निश्चित रूप से आपके जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। साथ ही आपके जीवन को एक नई दिशा भी दे सकते हैं। तो फिर अपने इस बहुमूल्य जीवन को सार्थक करने की दिशा में चाणक्य के तर्कों का अनुपालन बेहद जरूरी है।

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