नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के उस फैसले को कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को गलत बताया है जिसने राज्य सरकार ने गोकशी के मामले में तीन लोगों पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगाया है।
उन्होंने कमलनाथ की अगुवाई वाली मध्य प्रदेश सरकार को संकेत कर दिया है कि उनसे गलती हुई है। इसके अलावा चिंदबरम ने राम मंदिर मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, अयोध्या प्रथा का मुद्दा नहीं है, यह विश्वास का मुद्दा है।
शुक्रवार को दिल्ली के नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में अपनी बुक अनडाउंटेड: ‘सेविंग द आइडिया आॅफ इंडिया’ की लॉन्चिंग के मौके पर चिदंबरम ने कहा कि, मध्य प्रदेश में एनएसए का उपयोग (गोहत्या के आरोप में गिरफ्तार 3 व्यक्तियों के खिलाफ) गलत था। यह मध्य प्रदेश में सरकार को इंगित किया गया है। इसलिए यदि कोई गलती की गई है, तो उस गलती को नेतृत्व द्वारा इंगित किया गया है।
बता दें कि इस हफ्ते की शुरूआत में कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश के खंडवा में गोकशी के मामले में आरोपी तीन लोगों पर एनएसए लगा दिया था। वहीं अयोध्या के मुद्दे पर बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि, अयोध्या प्रथा का मुद्दा नहीं है, यह विश्वास का मुद्दा है।
सबरीमाला रिवाज का एक मुद्दा है। यह मत सोचिए कि हम रिवाज और विश्वास के मुद्दे को मिला सकते हैं। सबरीमाला में आधुनिक संवैधानिक मूल्यों के विपरीत एक प्रथा है। अयोध्या विश्वास का विषय है।
यह भगवान राम की जन्मभूमि है। इस विश्वास के कारण लोगों का एक समूह भूमि पर दावा कर रहा है। वहीं सबरीमाला पर बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि, मैं बहुत धार्मिक व्यक्ति नहीं हूं। हम यह नहीं कह रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय को यह नहीं सुलझाना चाहिए कि न्यायिक संकल्प के लिए उत्तरदायी क्या है।
मैं एससी निर्णय को स्वीकार करता हूं, लेकिन मैं सामान्य पुरुषों, महिलाओं और पार्टी कार्यकतार्ओं को अपने विचार व्यक्त करने से कैसे रोक सकता हूं। लेकिन अगर लाखों लोग कुछ और सोचते हैं तो मैं उन्हें बताने वाला कौन हूं कि वे गलत हैं?




































