लखनऊ। जहां देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वहीं प्रदेश सरकारें कोरोना पर कन्ट्रोल के लिए अलग-अलग फैसले ले रही हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी समय-समय पर कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। हालांकि शुक्रवार को सीएम योगी ने जिस फैसले के बारे में जिलाधिकारियों को निर्देशित किया, उसे लेकर जिला प्रशासन में काफी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है।
- 30 जून तक उत्तर प्रदेश में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं, जिलाधिकारियों के पास नहीं कोई प्लान।
- सीएम योगी ने शुक्रवार की शाम प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जारी किए थे निर्देश।
- सीएम के निर्देश को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रशासन में कन्फ्यूजन की स्थिति, कहा- डिटेल में नहीं मिली कोई जानकारी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान सीएम ने निर्देश दिए कि 30 जून तक प्रदेश में किसी भी सार्वजनिक और सामूहिक कार्यक्रम की अनुमति न जाए। सीएम के निर्देश को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रशासन में कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि जिलाधिकारियों को इस संबंध में कोई लिखित निर्देश नहीं मिला है। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी इस संबंध में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया है।
अन्य जिलों में भी नहीं है कोई तैयारी
राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जिले सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी में भी सीएम के निर्देशों को लेकर कोई विस्तृत जानकारी नहीं है। जिला प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अभी तक इस संबंध में शासन की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं। वहीं जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर भी किसी तरह का आदेश जारी नहीं किया है। जिला प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि धारा-144 लगी हुई है, ऐसे में वैसे भी किसी समारोह की इजाजत नहीं है। जब उनसे यह पूछा गया कि तो क्या यह मान लिया जाए कि 30 जून तक धारा-144 लागू रहेगी, तो वह गोलमोल जवाब देते नजर आए।
कर ली थी बुकिंग, अब पैसे डूबने का डर
आपको बता दें कि शादी-पार्टी के लिए मैरिज हॉल, गेस्ट हाउस, होटल इत्यादि की बुकिंग महीनों पहले से हो जाती है। इसके लिए लोग अच्छी कीमत भी एडवांस बुकिंग के लिए जमा कर देते हैं। अब जब सीएम योगी की ओर से 30 जून तक सूबे में किसी भी तरह के आयोजन की अनुमति देने से रोक लगा दी है तो लोगों को उनके पैसे डूबने का डर सता रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार को इस तरह के निर्देश देने के साथ ही बुकिंग के लिए जमा किए गए पैसे वापस करने के भी निर्देश देने चाहिए।