रायपुर। कोरोना काल के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी जमीन के कब्जाधारी और अन्य लोगों को बड़ी राहत देने का एलान किया है। अब नगरीय क्षेत्र में आवासीय, व्यावसायिक और अन्य प्रायोजन के लिए सरकारी जमीन का आवंटन हो सकेगा। इसके लिए शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी कर दिए हैं। भूमि आवंटन का अधिकार जिला कलेक्टर के पास होगा। वो 7500 फीट तक भूमि का पट्टा 30 साल तक के लिए दे सकेंगे। इससे ज्यादा के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होगी।
नगरीय निकायों को 25% और अन्य को गाइडलाइन के आधार पर होगा आवंटन
नगरीय निकाय अगर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए भूखंड का आवंटन चाहते हैं तो उन्हें प्रचलित गाइडलाइन के 25 प्रतिशत राशि पर किया जाएगा। जबकि किसी व्यक्ति या संस्था को गाइडलाइन के आधार पर आवंटित राशि का भुगतान करना होगा। इसी तरह किसी जमीन के लिए दो या अधिक दावेदार होते हैं तो गाइडलाइन की दर पर नीलामी की जाएगी। वहीं, अगर कोई पट्टेदार जमीन की किराया राशि का 15 साल के लिए एक मुश्त भुगतान करता है तो उसे अगले 15 वर्षों के लिए छूट दी जाएगी।
ट्रांसफर के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देनी होगी
रियायती और गैर रियायती दर पर प्राप्त पट्टों की भूमि को जमीन मालिक के हक में परिवर्तन के लिए निर्धारित मूल्य से 2 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देनी होगी। कलेक्टर केवल ऐसी भूमि का ही आवंटन कर सकेंगे, जिसे लोक बाधा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जन सुविधा, लोक प्रयोजन और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुरक्षित रखने की आवश्यकता न हो। आवंटन योग्य भूमि का चिन्हांकन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड कराएंगे। शासकीय विभागों को भूमि की जरूरत के संबंध में प्रस्ताव प्राप्त कर आवंटित किया जाएगा।