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लॉकडाउन के 60 दिनों में देश के रिटेल सेक्टर को 9 लाख करोड़ का नुकसान

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नोएडा। कोरोनावायरस को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के चौथे चरण में आमजन को काफी रियायत दी गई है। अब लोग सुबह सात से शाम सात बजे तक मास्क लगाकर घर से बाहर निकल सकते हैं। बशर्ते उन्हें मास्क लगाना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। चौथा चरण अब अपना एक हफ्ता पूरा कर चुका है। ऐसे में कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने दावा किया है कि, 60 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान घरेलू व्यापार में लगभग 9 लाख करोड़ रूपए का कारोबार के साथ केंद्र एवं राज्य सरकारों को 1.5 लाख करोड़ के जीएसटी राजस्व का नुकसान हुआ है। देशभर के व्यापारियों को बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है और सरकार की ओर से कोई नीतिगत समर्थन के अभाव में व्यापारी अपने व्यवसाय के भविष्य को लेकर सबसे अधिक चिंतित हैं।

एक हफ्ते में महज पांच फीसदी हुआ कारोबार
कैट ने बीते एक हफ्ते का भी विश्लेषण किया। कैट का दावा है कि, देश में घरेलू व्यापार इस समय अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। क्योंकि पिछले सोमवार जब से लॉकडाउन में ढील देने के बाद से देशभर में दुकानों खुली हैं, उनमें केवल 5 प्रतिशत व्यापार ही हुआ है और केवल 8 प्रतिशत कर्मचारी ही दुकानों पर आए हैं। रिटेल व्यापार में काम कर रहे लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी अपने मूल गांवों में चले गए, जबकि लगभग 20 प्रतिशत कर्मचारी जो स्थानीय निवासी हैं वो भी वापस काम पर लौटने में ज्यादा इच्छुक नहीं है। दूसरी तरफ कोरोना से डर के कारण लोग खरीदारी के लिए बाजारों में नहीं आ रहे हैं।

40 करोड़ लोगों को रोजगार देता रिटेल व्यापार
कैट के अनुसार, लगभग 5 लाख अन्य राज्यों के व्यापारी दिल्ली के थोक बाजारों से माल खरीदने के लिए प्रतिदिन दिल्ली आते थे, लेकिन परिवहन की अनुपलब्धता के कारण दिल्ली के थोक बाजार पिछले एक सप्ताह में सूने रहे। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र पहले से ही परेशान है, क्योंकि ट्रांसपोटर्स के पास श्रमिकों की बहुत कमी है और विशेष रूप से ड्राइवर जो इंट्रा सिटी, इंटर-सिटी या माल के अंतर-राज्य परिवहन के लिए माल की आवाजाही करते हैं, वो भी काम पर नहीं लौटे हैं। कैट के मुताबिक देश का रिटेल व्यापार लगभग 7 करोड़ व्यापारियों द्बारा संचालित होता है जो 40 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है। लगभग 50 लाख करोड़ रुपए का सालाना कारोबार करता है। इस सेक्टर के करोड़ों व्यापारी अत्यधिक असुरक्षित स्थिति में हैं और केंद्र और राज्य सरकारों द्बारा आर्थिक पैकेज के मामले में व्यापारियों की सरासर उपेक्षा के कारण संकट और गहरा गया है।

इन दुकानों पर हुआ कारोबार
कैट के दिल्ली एनसीआर के संयोजक सुशील कुमार जैन ने बताया कि पिछले एक सप्ताह के दौरान डेयरी उत्पादों, किराना, एफएमसीजी उत्पादों और उपभोग्य वस्तुओं सहित आवश्यक वस्तुओं में ही कारोबार चला है।

इन दुकानों पर नहीं हुआ व्यापार
वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, मोबाइल्स, गिफ्ट आर्टिकल, घड़ियां, जूते, रेडीमेड अप्पेरल्स, फैशन गारमेंट्स, रेडीमेड गारमेंट्स, फर्निशिग फैब्रिक, क्लॉथ, ज्वेलरी, पेपर, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, मशीनरी, टूल्स सहित अन्य अनेक व्यापार जिसमें बड़ी मात्रा में व्यापार होता था, इन व्यापारों में ग्राहक बिल्कुल नदारद रहे।

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