मुंबई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के निधन पर देश के जाने माने उद्योगपति एवं प्रख्यात कला प्रेमी गुरुस्वरूप श्रीवास्तव ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश में फैले कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी की विषम परिस्थिति में जब देश इस घातक बीमारी से जूझ रहा है तो वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 करोड़ जनता के प्रति अपना राजधर्म निभा रहे हैं जो कि एक महानता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता को श्रद्धांजलि देते हुए उनके राजधर्म की तारीफ करने वाले कला प्रेमी गुरुस्वरूप श्रीवास्तव जो कि मकबूल फ़िदा हुसैन की सौ पेंटिंग का सौदा 100 करोड़ में करके विश्वभर में एक ख़ास पहचान बना चुके हैं। वर्तमान में गुरुस्वरूप श्रीवास्तव रामायण पर आधारित एक बड़े बजट की मल्टीस्टार कास्ट फिल्म का निर्माण करने जा रहे हैं। इस बीच कला प्रेमी गुरुस्वरूप श्रीवास्तव ने बताया कि देश के कोरोना महामारी से उवरने के बाद वे अपनी बहुत चर्चित धार्मिक फिल्म रामायण फिल्म का निर्माण शुरू करेंगे।
ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व इस फिल्म के निर्माण के संदर्भ में गुरुस्वरूप श्रीवास्तव की लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से बैठक भी हो चुकी है जिस पर सीएम ने प्रोजेक्ट की खासी सराहना भी की थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्माणधीन इस फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर ऑस्ट्रेलिया के जॉन कोली हैं वहीं फिल्म के निर्देशक के रूप में जाने-माने फिल्म निर्देशक राजकुमार संतोषी का नाम चर्चाओं में है।
सीएम ने परिवार वालों से की अपील
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट मंगलवार को अंतिम संस्कार होगा। उनका शव सोमवार शाम को उनके पैतृक गांव उत्तराखंड के पंचुर में पहुंच गया है। मंगलवार को पौड़ी के फूलचट्टी घाट के लिए उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी। इस बीच योगी आदित्यनाथ ने एक पत्र लिखकर कहा है कि वो पिता के अंतिम संस्कार में नहीं शामिल होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संकट में प्रदेश के प्रति अपने राजधर्म को प्राथमिकता में रखा जिसके लिए उनकी हर वर्ग में जमकर तारीफ हो रही है। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से वो नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबकुछ सामान्य होने के बाद वो दर्शन के लिए आएंगे। इस बीच उन्होंने परिवार वालों से अपील की है कि वे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए कम संख्या में अंतिम संस्कार के लिए जाएं।