Home Agra News स्वावलंबन, स्वदेशी और आत्मनिर्भर पर आयोजित वेबिनार में उद्योगपतियों ने किया मंथन

स्वावलंबन, स्वदेशी और आत्मनिर्भर पर आयोजित वेबिनार में उद्योगपतियों ने किया मंथन

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आगरा। कोरोना वायरस से जूझ रहे ताजनगरी के उद्योगपति स्वावलंबन, स्वदेशी और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से पैदा हुई विपरीत परिस्थियों में उन्होंने सकारात्मक सोच नए अवसरों को तलाशना शुरू कर दिया है। रावी इवेंट्स द्वारा इनक्रेडिबल इंडिया फॉउंडेशन, सीसीएलए और लघु उधोग भारती के सहयोग से आयोजित आयोजित वेबिनार में दो घंटे तक चले मंथन में उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री चौ. उदयभान सिंह ने भरोसा दिलाया कि उद्यमियों की कोशिशों को पूरा करने के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है।

https://www.youtube.com/watch?v=hPTmGPjUPSw

वेबिनार में जहां कैशलेश व्यापार करने पर सभी उद्यमियों को विशेष जोर रहा, वहीं विश्व बाजार में खराब हो चुकी चीन की साख को भुनाने की बात भी उद्यमियों ने काफी जोरदारी से रखी। वेबिनार का संचालन रावी इवेंट्स के निदेशक मनीष अग्रवाल,  इम्पेक्ट सोल्युशंस के निदेशक संदीप उपाध्याय और सुमंगलम के निदेशक तरुण अग्रवाल ने किया। वेबिनार में राम शर्मा, इम्पेक्ट सोल्युशंस के निशांत जैन, इंक्रेडेबिल इंडिया फाउंडेशन के अजय शर्मा, ब्रजेश शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

कारोबारी गांव के नौजवान के हुनर की संपत्ति को करें स्तेमाल 

वर्तमान में सरकार आत्मनिर्भर शब्द का प्रयोग करके हमें नई सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। स्थानीय स्तर से लेकर विश्व स्तर पर जाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। देश का आर्थिक ढांचा कृषि प्रधान है। यदि हम गांव स्तर तक अपने काम को गांव के नौजवान के साथ साझा कर सके, तो इसके अच्छे परिणाम आएंगे। आगरा के उद्यमियों को यह भी सोचना होगा कि निचले स्तर के युवा को किस तरह से स्वाबलंबी बना सकते हैं। गांव के नौजवान के पास अपने हुनर की एक संपत्ति है। यह हुनर विश्व पटल पर कैसे पहुंचे, हमें इसकी भी चिंता करनी होगी।

-चौधरी उदयभान सिंह, राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार

उधोग जगत में गति के लिए यह समय भारत का टर्निंग प्वाइंट साबित होगा

परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। ऐसे ही उद्योग में प्रगति के लिए निरंतर विकासात्मक परिवर्तन की जरूरत है। कोरोना वायरस ने उद्योगों को नई उम्मीदें दिखाई हैं, यह भारत का टर्निंग प्वाइंट साबित होगा। ये परिवर्तन का ऐसा काल है, जहां से हरेक छोटे-बड़े व्यापारी को नए अवसर मिलने जा रहे हैं। उद्योग एक राकेट की तरह है। आगे बढ़नी की इच्छा बंद कर दी, तो दिक्कत होगी। आगे बढ़ना है, तो ताकत लगानी होगी। कास्ट कटिंग, मार्केटिंग जैसी चीजों को बदलना होगा।

-राकेश गर्ग, उपाध्यक्ष, लघु उद्योग निगम लि., उत्तर प्रदेश सरकार

ईएसआई के फंड का वेतन में हो प्रयोग 

जूत उद्योग आत्मनिर्भता में देश को काफी बड़ा योगदान दे सकता है। इस समय उद्यमियों को भी अपनी सोच बदलनी होगी। लंबी योजनाओं के साथ ही इस समय छोटी योजनाओं पर भी सरकार को ध्यान देना होगा। फिलहाल लोकडाउन में तीन महीने की सैलरी देने की जो दिक्कत आ रही है, उसे ईएसआई के माध्यम से दीया  जा सकती है। इससे लेबर क्लास में नई जान आएगी।

– पूरन डाबर, चेयरमैन, डाबर फुटवियर इंडस्ट्रीज

आगरा के उद्योगों से पर्यावरण नुकसान का प्रचार निराधार

आगरा के उद्योगों का पर्यावरण को खराब करने का प्रचार बिल्कुल गलत है। हमें लेबर को भी उसकी सुरक्षा का विश्वास दिलाना होगा। साथ ही उन्हें भी स्वाबलंबी बनाना होगा। आगरा का पर्यावरण काफी अच्छा है।

– इंजीनियर उमेश शर्मा, इंडस्ट्रियल पर्यावरणविद्आ

आगरा के उत्पादों को मंथन से मिलेगी विश्व स्तर पर पहचान

आगरा के उत्पादों को स्थानीय स्तर से विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ऐसे मंथन नई दिशा और दशा के साथ अवसर प्रदान करने का काम कर रहे हैं। आज काफी सकारात्मक दिशा में वैचारिक मंथन हुआ जो निश्चित रूप से आगरा के ब्यापार जगत को नई दिशा देगा आज हुई परिचर्चा वेहद उत्साहित करने बाले नतीजों को जन्म देगी।

-मनीष अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, रावी इवेंट्स

ग्लोबल स्तर पर छा जाना का है अवसर

स्वदेशी के लिए नई नीतियों को लाना होगा। आज हमारे पास ग्लोबल स्तर पर छा जाना का अवसर है। स्वदेशी ही देश के विकास का एकमात्र मांग और जरूरत है इससे देश का आधार स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता   की और आगे बनेगा और स्थानीय इकाइयो को ग्लोबल बनने का अवसर मिलेगा।

-सीए संजीव माहेश्वरी

किसी भी कीमत पर गुणवत्ता से समझौता नहीं हो

सन 2020 में मुनाफा न देखकर, व्यापार बचाने की सोचें व्यापारी, व्यापारियों को अपने खर्चों में कमी लानी होग। आने वाले समय में इंडस्ट्री नई सोच के साथ खड़े रहने की तैयारी करें। हम जीतेंगे बस जरुरी है कि किसी भी कीमत पर गुणवत्ता से समझौता नहीं हो।

-सीए दीपेंद्र मोहन

रोबोटिक्स सिस्टम से काम करना आज की जरूरत
बाजार में मजबूती से खड़े होने के लिए ये पांच बिंदु है जिनके साथ काम करना आज की जरूरत है जिसमें रोबोटिक्स सिस्टम, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंसी, वैकल्पिक ऊर्जा, इंटरनेट थिंग, वाइड यूज ऑफ इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी शामिल है। ये वो विकल्प है जो आपको कई प्रकार से लाभकारी सावित होंग।

-सीए प्रेम गुल

एडेबिल ऑयल इंडस्ट्री को गति मिलेगी

एडेबिल ऑयल इंडस्ट्री सेक्टर के लिए सप्लाई एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत सकारात्मक प्रबंधन की है। साथ ही लेबर की समस्या एक बड़ा मुद्दा है। हमें उम्मीद है कि हम मजबूती के साथ आगे बढ़ने की शुरुआत कर रहे हैं। बस, सरकार हमारा साथ दे। आगरा की एडेबिल ऑयल इंडस्ट्री सेक्टर आगे बढ़ेगा।

-दिनेश राठौर, प्रबंध निदेशक, सलोनी मस्टर्ड ऑयल

आगरा के व्यापार को दुगना करने का वक्त आ गया है

सरकार की मदद हमारे लिए काफी अहम है। हमारा विश्वास है कि क्रिसमिस प्रोडक्ट और सॉफ्ट टॉयज में विश्व बाजार में चीन के दबदबे को हम तोड़कर रख देंगे। साथ ही रेडिमेट स्ट्रेक्चर वक्त की सबसे अहम जरूरत है। आगरा के 550 करोड़ रुपये के व्यापार को लगभग दुगना करने का वक्त आ चुका है।

-रजत अस्थाना, प्रबंध निदेशक, स्टोनमेन क्रॉफ्ट्स इंडिया प्राइवेट लि.

डिजिटल करेंसी के प्रयोग पर जोर देने की जरूरत

यह कठिन दौर है। इस साल व्यापार बढ़ाने को लेकर नहीं, बल्कि व्यापार को बचाने के बारे में सोचना होगा। डिजिटल करेंसी के प्रयोग पर जोर देने की जरूरत है। इससे उद्यमियों को काफी राहत मिल सकेगी। हर जगह चांदी को रोकने जैसी समस्याओं से सरकार को मुक्ति दिलानी होगी। अगर हमने छह महीने पूरी सजगता से निकाल दिए, तो हम अपने सेक्टर में बड़ी तरक्की करने जा रहे हैं।

-निर्मल कुमार जैन, प्रबंध निदेशक, जैन पायल

खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में आगरा के पास बड़ा अवसर

कोरोना वायरस के डर से ऊपर उठकर फूड इंडस्ट्री सेक्टर नया बाजार खड़ा करने की ओर बढ़ेगी। हमें लग रहा है कि सरकार की नीतियों से हमारे सेक्टर को नई दिशा मिलने जा रही है। खाद्य पदार्थों के क्षेत्र में आगरा को बड़ा अवसर मिल रहा है। स्वावलंबन और आत्मनिर्भर बनने के लिए हमारा सेक्टर तैयार हो चुका है।

– राजेश अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, रसोई रतन

पेठा उधोग हो मिठाई सैगमेंट से बाहर

नई परिस्थियों में सारा काम कैशलेस किया जाना चाहिए। इससे व्यापार को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना होगा। पेठा उद्योग वेजिटेबल सैगमेंट में आता है। मिठाई सैगमेंट से इसे बाहर करना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो हमारी ऐसी कई इकाइयां और रजिस्टर्ड हो जाएंगी, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं है। सरकार टैक्स में भी थोड़ी रियायत दे।

-अमित गोयल, प्रबंध निदेशक, पंछी फूड प्राइवेट लि.

फर्नीचर बाजार में चीन का विकल्प बनने का मौक़ा 

फर्नीचर बाजार में चीन की गुणवत्ता पर हमेशा से उंगली उठती रही है। आगरा में लगभग फर्नीचर की 250 छोटी-बड़ी इकाइयां हैं। आगरा के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी बड़ी संख्या में फर्नीचर बनकर जाता है। सरकार जिस तरह से हमें स्वाबलंबी बनाने की सोच रही है, उससे निश्चित रूप से व्यापारियों में नई शक्ति का संचार होने जा रहा है।

-अखिल मोहन मित्तल, प्रबंध निदेशक, मित्तल ट्रेडिंग कंपनी

कारोबार के लिए  है यह एक सुनहरा अवसर

कोरोना वायरस की महामारी में अगर इस समय टेक्सटाइल सेक्टर पर ध्यान दिया जाए, तो यह एक सुनहरा अवसर है। इस सेक्टर में ज्यादातर लोग घरों में रहकर भी काम कर सकते हैं। सरकार ने आत्मनिर्भरता का जो संदेश दिया है, उससे निश्चित रूप से इस सेक्टर में स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे। टेक्नोलॉजी और डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट जैसी सुविधाएं देने पर सरका को विचार करना होगा।

-अनुराग मित्तल, प्रबंध निदेशक, पुष्पांजलि फेयर ट्रेड

सरकार को जमीनों से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता और व्यवहारिकता से समझने की जरूरत

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ट्रेडीशनल इंडस्ट्री को अपग्रेड करने की शुरुआत होने जा रही है। हमने आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ना शुरू कर दिया है। अगर सरकार हमारी जमीनों से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता और व्यवहारिकता से समझे, तो ऐसे माहौल में इंडस्ट्री को नया बूम मिल सकेगा। साथ ही फाइनेंशियल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की मदद, इस सेक्टर को अधिक मजबूती प्रदान कर सकती है।

-राजेश गोयल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एफसीएओआई

इस संकट का हमें सकारात्मक रूप से लाभ लेना होगा

कोरोना ने जो हमें नए अवसर दिए हैं, उसका लाभ हमें सकारात्मक रूप से लेना होगा। इंडस्ट्री को हमें रेडीमेट फॉर्म में रखना होगा।

-विजय गुप्ता, प्रबंध निदेशक, केसरी डीजल  

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