
नई दिल्ली। किसानों की मार्च और जबरदस्त प्रदर्शन ने जहाँ जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है वही आवागमन को बुरी तरह बाधित कर दिया है। किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के कारण हरियाणा को दिल्ली से जोड़ने वाली ज्यादातर सड़कों पर बुरे हाल हैं. खासकर गुरुग्राम में जहां भारी ट्रैफिक के कारण वाहन फंसे हुए है, हालात और बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर राज्य प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सितंबर माह में तीन कृषि कानून बनाए थे जिनका देशभर खासकर उत्तर भारत के किसान जमकर विरोध कर रहे हैं, इन कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने दिल्ली तक के विरोध मार्च का फैसला किया है।
हरियाणा पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली जाने वाली सड़कों पर ट्रैफिक ब्लॉक बनाए हैं ताकि किसानों को देश की राजधानी में प्रवेश करने से रोका जा सके। यह रोड ब्लॉक सोनीपत के नजदीक कुंडली और दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर सिरहौल और राजोरकी में है। ट्रैफिक जाम की स्थिति इससे बन रही है क्योंकि हरियाणा पुलिस के जवान किसान मार्च के मद्देनजर वाहनों को चेक कर रहे हैं और जांच के बाद ही वाहनों को राजधानी में प्रवेश की इजाजत दी जा रही है। गुरुग्राम प्रशासन की चिंता इस बात को लेकर है कि गुरुग्राम के गांव भी पंजाब के किसानों के मार्च के साथ जुड़कर दिल्ली की ओर कूच कर सकते हैं। बुधवार को हजारों की संख्या में हरियाणा के किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च किया था, इन्होंने बैरीकेड्स तोड़ दिए थे, इन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था।
गौरतलब है कि देश की दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए ट्रैक्टरों और पैदल चलकर आ रहे पंजाब के हजारों किसानों को हरियाणा पुलिस ने अंबाला के पास रोक दिया है। इससे भाजपा शासित हरियाणा की पुलिस और किसानों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। किसानों और पुलिस के बीच झड़प की खबर है। इस दौरान ईंट-पत्थर भी चले. किसानों को रोकने के लिए सड़कों पर और पुल पर बैरिकेड्स लगाए थे जिसे किसानों ने तोड़कर नदी में फेंक दिया। दिल्ली कूच में पंजाब और हरियाणा समेत कुल छह राज्यों के किसान शामिल हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के किसान भी आज और कल दिल्ली पहुंचकर किसान कानूनों के खिलाफ विरोध मार्च करने वाले हैं। किसानों के 500 संगठन इस विरोध मार्च में शामिल हैं। इस बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने कोरोना वायरस संकट को देखते हुए किसानों को दिल्ली में किसी भी तरह के जमावड़े और रैली करने की इजाजत नहीं दी है।