
नई दिल्ली।आईपीएल सीरीज में इस बार धोनी नहीं चल सके। महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2008 से चेन्नई सपर किंग्स की कप्तानी संभाली थी। 2016-17 के सीजन सीएसके बैन के चलते नहीं खेल पाए थी, लेकिन इसके अलावा 2019 तक हुए हर सीजन में टीम प्लेऑफ में पहुंची और तीन बार चैंपियन भी रही। हालांकि, इस सीजन में टीम प्लेऑफ से लगभग बाहर हो चुकी है। राजस्थान राॅयल्स के खिलाफ सीजन-13 के 37वें मैच में टीम को 7 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा। यह उनकी 10 मैचों में 7वीं हार रही। मैच समाप्ति के बाद धोनी ने टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन होने की बात स्वीकार की। साथ ही टीम मैनेजमेंट को लेकर ऐसी बात कही, जिससे अनुमान लगता है कि अगले सीजन में फ्रेंचाइजी युवाओं पर भरोसा करेगी।
इस सीजन में धोनी हार मान चुके हैं। हालांकि धोनी वो खिलाड़ी हैं जो अनहोनी को होनी कर दें, लेकिन इस सीजन में कुछ भी चीजें उनके पक्ष में होती नहीं दिखी। टीम कभी करीब जाकर हारी तो कभी पारी की शुरूआत सही नहीं कर सकी। मैच के बाद धोनी ने खुद कहा कि ‘इस सीजन हम वैसा खेल नहीं दिखा सके।’ टीम में बहुत अधिक बदलाव नहीं करने के बारे में धोनी ने कहा, ‘आप बहुत कुछ बदलना नहीं चाहते हैं। क्योंकि जो कुछ होता है वह तीन-चार-पांच मैचों के बाद होता है, आप कुछ भी सुनिश्चित नहीं कर सकते कि क्या होगा। आप लोगों को एक उचित समय देना चाहते हैं, यदि वे प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो आप स्विच करते हैं और किसी और के पास जाते हैं और वो रन बनाना है। मैं टीम में असुरक्षा का भाव नहीं चाहता हूं।
अभी तक सीएसके में उम्रदराज खिलाड़ियों का ही डंका बजता दिखा है। इन्हें फैंस ‘बूढ़ों की टीम’ कहकर भी पुकारने लगे थे। लेकिन अब उम्रदराज खिलाड़ियों पर भरोसा करने की परंपरा को टीम मैनेजमेंट को खत्म करना होगा। लेकिन बावजूद इसके धोनी का कहना है कि टीम मैनेजमेंट अपने युवाओं में वो बात नहीं देख पाए जिसकी दराकर थी। लेकिन सच ये है कि युवाओं को सीएसके टीम में ज्यादा माैका मिला ही नहीं। इसपर पूर्व भारती क्रिकेटर क्रिस श्रीकांत भी सवाल उठा चुके हैं। अब धोनी का आगे का रास्ता कठिन हो सकता है।