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विधानसभा स्पीकर से मिले नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचे पायलट

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  • राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों की याचका पर करेगी सुनवाई।
  • राजस्थान हाईकोर्ट में पायलट गुट ने विधानसभा स्पीकर से मिले नोटिस के खिलाफ याचिका लगाई है।
  • अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंची थी।
  • स्पीकर ने नोटिस जारी कर पूछा था कि कांग्रेस पार्टी में हो या नहीं? जवाब शाम 5 बजे तक देना है।

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री के खिलाफ सचिन पायलट की बगावत से शुरू हुआ सियासी ड्रामा जोरों पर है। सचिन पायलट खेमे के हाई कोर्ट जाने से लेकर ऑडियो टेप तक, हर दिन इस ड्रामे में नाटकीय मोड आ रहे हैं। राजस्थान के इस सियासी रण में दोनों खेमों के नेताओं के बीच शब्दबाण भी जमकर चल रहे हैं। ऑडियो टेप को लेकर जहां कांग्रेस पार्टी पायलट खेमे के दो विधायकों को सस्पेंड कर चुकी है, वहीं आज हाई कोर्ट में भी सुनवाई है। पायलट के आगे का सियासी सफर किस ओर मुड़ेगा, यह सुनवाई काफी हद तक यह तय कर सकती है।

पायलट आएंगे तो गले लगा लूंगाः गहलोत
अशोक गहलोत ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह कभी भी पायलट के खिलाफ नहीं रहे। राहुल गांधी भी जानते हैं जब कभी भी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई, मैंने हमेशा युवाओं की पैरवी की। ये लोग कल का भविष्य नहीं हैं। सीनियर-जूनियर का माहौल बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा,’ जब मैं सांसद बना था तो पायलट 3 साल के थे। हमारा उनके घर आना-जाना था। वापस आएंगे तो सबसे पहले मैं उनको प्यार से गले लगाऊंगा। मेरा उनके प्रति बहुत स्नेह है। राजनीति तो राजनीति है। जिस परिवार के साथ व्यक्तिगत संबंध 40 साल से हों, आप समझ सकते हैं।

ऑडियो टेप से और बढ़ा सियासी संग्राम
हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर ऑडियो क्लिप जारी करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट खेमे के दो विधायकों की शिकायत एसओजी से की है। मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से ये शिकायत पेश की गई है। इससे पहले दोनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। होटल फेयरमोंट में हॉर्स ट्रेडिंग के मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा ने इस मसले पर बीजेपी पर भी गंभीर आरोप लगाए। सुरजेवाला ने बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी की मांग भी उठाई है। उधर, राजस्थान में आए सियासी भूचाल के बाद अब विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के नोटिस के खिलाफ बागी विधायकों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। गुरुवार को दायर याचिका पर आज दोपहर 1 बजे राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच सुनवाई करने वाली है। हालांकि इसी वक्त यानी दोपहर 1 बजे तक सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को स्पीकर के नोटिस का जवाब भी देना था। लेकिन स्पीकर जोशी ने इस मामले में पायलट को राहत देते हुए शाम 5 बजे तक का समय बढ़ा दिया है।

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पहले सचिन पायलट बीजेपी में जाना चाहते थे, लेकिन इनके साथ कोई जाने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद इन्होंने नई पार्टी बनाने की सोची और चाहा की राजस्थान में कांग्रेस को समाप्त कर देंगे। इन्हें लगा कि बीजेपी से मिलकर सरकारें बनती भी है, बिगड़ती भी है तो, मैं क्यों नहीं बन सकता।

कांग्रेस गजेंद्र सिंह, विश्वेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा के खिलाफ SOG पहुंची
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और विधायक भंवरलाल शर्मा के खिलाफ एसओजी में खरीद फरोख्त की शिकायत की।

राजस्थान हाईकोर्ट में हलचल बढ़ी
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में हलचल बढ़ गई हैं। दोपहर 1 बजे यहां सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई होने वाली है और पूरे प्रदेश की नजरे इस सुनवाई पर टिकी हुई हैं।

सचिन पायलट गुट के दो विधायक कांग्रेस से निष्कासित
वायरल ऑडिया क्लिप जारी करने के बार कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट खेमे के दो विधायकों को कांग्रेस की सदस्यता रद्द कर दी है। विधायक भंवरलाल शर्मा और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी हो- सुरजेवाला
हॉर्स ट्रेडिंग मामले में वायरल वीडियो को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, एसओजी को गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। उन्होंने उनकी गिरफ्तारी किए जाने तक की बात कही। वो दिल्ली रोड स्थित एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस का संबोधित कर रहे हैं।

रणदीप सुरजेवाला की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दिल्ली रोड स्थित होटल फेयरमाेंट में प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हुई। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिं डोटासरा अपनी बात रख रहे हैं।

स्पीकर ने शाम 5 बजे तक राहत दी
विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने कोर्ट पहुंचे सचिन पायलट गुट को बड़ी राहत दी है। उन्होंने पायलट और अन्य 18 विधायकों को जारी नोटिस का जवाब देना का समय दोपहर 1 बजे से बढ़ा कर अब शाम 5 बजे तक बढ़ा दिया है। इससे पहले इसी समय कोर्ट में भी सुनवाई तय होने से पायलट खेमे की बेचैनी बढ़ा दी थी।

राजस्थान हाईकोर्ट में आज पायलट खेमे की सुनवाई
बागी खेमे की याचिका पर गुरुवार को टली सुनवाई शुक्रवार दोपहर 1 बजे सुनवाई होनी है। इससे पहले संभावना थी कि दो न्यायाधीशों की पीठ बागी खेमे की ओर से दाखिल संशोधित याचिका पर गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे सुनवाई करेगी। हालांकि ऐसा नहीं हो सका, मामले पर शुक्रवार दोपहर एक बजे सुनवाई होना तय हुआ है।

आज देना होगा नोटिस का जवाब
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर की ओर से सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों को मिले नोटिस का जवाब देने का शुक्रवार को अंतिम दिन है। दोपहर 1 बजे तक सभी विधायकों को बताना होगा कि वो कांग्रेस पार्टी में हैं या नहीं।

गुरुवार को यहां तक पहुंची सियासी जंग
राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंच गई। यहां पायलट गुट की ओर से दायर याचिका पर दोपहर 3 बजे न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, बागी खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले पर शाम करीब पांच बजे फिर से सुनवाई हुई और उसे खंड पीठ के पास भेज दिया गया। लेकिन अदालत की पीठ सुनवाई के लिए नहीं बैठी और मामला अगले दिन तक के लिए टल गया।

यह है पूरा मामला
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपीजोशी से शिकायत की थी कि सचिन पायलट सहित इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के विप का उल्लंघन किया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया। पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का विप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है।

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