
आगरा। सिकासा आगरा द्वारा आयोजित सीए विद्यार्थियों के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला के दूसरे दिन दिल्ली से सीए अंकुर डूगर एवं सीएस रीमा जैन ने विद्यार्थियों को कम्पनी के सालाना भरे जाने वाले रिटर्न जैसे एओसी-4 व एमजीटी-7 को भरना सिखाया। उन्होंने कंपनी ऑडिटर्स रिपोर्ट आर्डर 2020 में आये बदलावों के बारे में विस्तार से बताया। कोविड-19 के चलते कारो-2020 अब वित्तीय वर्ष 2019-20 पर लागू न होकर वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रभावी होगी। नयी रिपोर्ट में कारो-20 के अनुसार अब कंपनी के ऑडिटर को अचल संपत्ति रजिस्टर में पट्टे पर ली गयी सभी सम्पत्तियों का ब्यौरा भी देना होगा। स्टॉक मूल्यांकन में 10% से अधिक कोई अनियमितता है तो उसे भी बताना होगा।
अगर किसी कंपनी ने 5 करोड़ से अधिक स्टॉक के ऊपर कॅश क्रेडिट लिमिट ले रखी है तो तिमाही रिटर्न जो बैंक को दिए जाते है , उनका मिलान भी कंपनी की किताबो से ऑडिटर को करना पड़ेगा और यदि कोई अनियमितता है तो उसे बताना होगा। अगर पिछले ऑडिटर ने इस्तीफा दिया है तो नए ऑडिटर को अपनी रिपोर्ट में इसका कारण भी बताना होगा। अब कंपनी के ऑडिटर को यह भी बताना होगा कि कंपनी पर आने वाले एक साल में जो भी देनदारियां है उनको चुकाने का उनके पास पर्याप्त साधन है या नहीं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिकासा सी आई आर सी चेयरमैन सीए अतुल अग्रवाल रहे जिन्होंने दुश्मन देश के लोगों द्वारा भारतीय कंपनियों में शेयर की हिस्सेदारी को सरकार द्वारा लिए जाने वाली अधिसूचना के बारे में विस्तार से बताया।
सिकासा अध्यक्ष सीए दीपिका मित्तल ने बताया कि कार्यशाला में सीए विद्यार्थियों ने कंपनी ऑडिट के व्यवहारिक पहलुओं की विस्तृत जानकारी ली। भविष्य में भी सीए विद्यार्थियों के लिए इसी तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। इस अवसर पर आगरा शाखा अध्यक्ष सीए शरद पालीवाल ने सीए विद्यार्थियों को अधिक से अधिक संख्या में ऐसे कार्यक्रम में उपस्तिथ रहकर इन विशेषज्ञों के ज्ञान का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष सीए सौरभ नारायण सक्सेना की उपस्तिथि उल्लेखनीय रही। इस कार्यक्रम में का सञ्चालन नूपुर गोयल ने किया। धन्यवाद सिकासा उपाध्यक्ष साक्षी गोयल ने किया। कार्यक्रम में सिकासा कमेटी से मुस्कान अग्रवाल, कपिश अग्रवाल, ललित अग्रवाल एवं शुभम अग्रवाल मौजूद रहे।