
नई दिल्ली। लम्बे समय से कृषि बिल को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने बीते दिन वार्ता की सहमति दी, जो बेनतीजा रही। केंद्र सरकार द्वारा बीते मानसून सत्र में किसानों के लिए पास किए गए तीन बिलों पर किसान संगठनों के विरोध के बीच बुधवार को बैठक हुई। इस बैठक में 30 किसान संगठन शामिल हुए हालांकि कृषि मंत्री की गैर-मौजूदगी के चलते किसान मीटिंग से बाहर आए। यह बैठक कृषि सचिव के साथ हो रही थी जबकि किसानोें की मांगी थी कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हों।
तोमर की गैरमौजूदगी के चलते किसान नाराज हो गए और मंत्रालय के भीतर ही नारे लगाए और कृषि कानूनों के पन्ने फाड़ दिए। किसान बिलों के पास होने के बाद ज्यादातर किसानों का मानना है कि उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ दिया जाएगा और कृषि थोक एपीएमसी मार्करों के जरिए उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिलेगा।
किसान यूनियन के नेता ने कहा कि हम वहां हो रही चर्चा से संतुष्ट नहीं थे इसलिए हम वहां से बाहर आ गए। सचिव ने कहा कि वह हमारी मांगों को आगे बढ़ाएंगे। एक अन्य नेता ने कहा कि इन कानूनों को वापस ले लिया जाए। अन्यथा ये आंदोलन जारी रहेग।