Home National लॉकडाउन गया, लेकिन वायरस नहीं, जब तक दवाई नहीं, ढिलाई नहीं-पीएम

लॉकडाउन गया, लेकिन वायरस नहीं, जब तक दवाई नहीं, ढिलाई नहीं-पीएम

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नई दिल्ली। पीएम ने अपना 7वां देश के नाम सम्बोधन दिया। कोरोनाकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को सातवीं बार संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लॉकडाउन भले चला गया है, लेकिन वायरस नहीं गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी ला रहे हैं। अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए फिर से जीवन में गति देने के लिए रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है।

हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं। कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।

उन्होंने कहा, सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया या फिर अब इससे कोई खतरा नहीं है।

हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। हम में से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए फिर से रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। अभी लड़ाई बाकी है, जिसका मिलकर मुकाबला करना है।

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