मुंबई। काफी समय से ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ शो चर्चा में है। शो के प्रोड्यूसर असित मोदी पर आए दिन कोई-न-कोई आरोप लगते रहते हैं। शैलेश लोढ़ा ने भी इन पर केस ठोक दिया था। आरोप लगाया था कि मेकर्स ने बकाया नहीं चुकाया है। इसके बाद फैसला आया और कोर्ट ने असित को एक करोड़ रुपये भरने का आदेश दिया। इसके बाद शैलेश ने खुद की जीत पर खुशी जताई तो अब असित मोदी ने रिएक्ट किया है।
असित मोदी ने एक खास बातचीत के दौरान कहा, ‘शैलेश लोढ़ा ने केस जीतने के लिए गलत दावे किए। अगर वो कह रहे हैं कि वो ये केस जीत गए हैं तो वो गलत रिप्रेजेंट कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि ये सहमति से सेटल हुआ है। हम गलत जानकारी शेयर करने के पीछे उनके इरादों को समझने में असमर्थ हैं। अगर वो अब फैक्ट्स को तोड़-मरोड़कर पेश करना बंद करें तो हम उनकी सराहना करेंगे।’
शैलेश लोढ़ा ने नहीं किया साइन
असित ने आगे कहा, ‘जब कोई कलाकार शो छोड़ने का फैसला करता है तो वो कुछ कागजातों पर साइन करता है, जिससे उसके जाने का प्रमाण होता है कि अब वो चला गया है। ये एक स्टैंडर्ड प्रॉसीजर है, जो सभी आर्टिस्ट फॉलो करते हैं। लेकिन शैलेश ने इसे करने से साफ मना कर दिया था। हमने कभी भी पैसों को लेकर मना नहीं किया। अगर एग्जिट लेटर की शर्तों को लेकर कोई समस्या थी तो हमने मीटिंग के लिए श्री लोढ़ा से संपर्क करने की कोशिश की। लगातार प्रयास करने के बावजूद, श्री लोढ़ा ने एग्जिट डॉक्यूमेंट्स की शर्तों को फाइनलाइज करने के बजाय, अपने बकाया की मांग करते हुए एनसीएलटी पहुंच गए।’
बिना जानकारी के छोड़ा शो
वहीं, सोहेल रमानी ने भी कहा, ‘फरवरी, 2022 में शैलेश ने एक बार मेल किया और कहा कि वो शो छोड़ रहे हैं। हालांकि ठीक एक दिन बाद वो सेट पर थे।आखिरकार वह बिना किसी सूचना के अचानक शो से बाहर हो गए। इसलिए, न केवल लोढ़ा के मामले में, बल्कि किसी भी कलाकार के लिए भी यह अनिवार्य है कि वो रिलीविंग लेटर पर साइन करें।’
शैलेश लोढ़ा को समय पर दी गई पेमेंट
असित ने कहा कि शैलेश उनके साथ 14 सालों से साथ काम कर रहे थे। वो हमारे लिए परिवार की तरह थे। हमने उनको काम के इतर भी शुरुआती दिनों में काफी सपोर्ट किया है। प्रोफेशनल साइड की बात करें तो उन्हें हमेशा इन सालों में समय पर भुगतान किया गया है। हमने कभी-भी इतने समय में कोई शिकायत नहीं सुनी। इसलिए हम उनके शो के छोड़ने के बाद के बर्ताव को देख हैरान थे। हमारा उनका पेमेंट रोकने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन बाकी कॉर्पोरेट की तरह जाने की फॉर्मेलिटी पूरी करना जरूरी होता है।’




































