Home MOST POPULAR चंद्रयान-3: चंद्रमा के करीब पहुंचा विक्रम लैंडर, 20 अगस्त को दूसरी डीबूस्टिंग

चंद्रयान-3: चंद्रमा के करीब पहुंचा विक्रम लैंडर, 20 अगस्त को दूसरी डीबूस्टिंग

230
0

नई दिल्ली। इसरो ने अपने ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 पर नए अपडेट साझा किए हैं। अंतरिक्ष यान धीरे-धीरे चंद्रमा के करीब पहुंच रहा है। चंद्रयान-3 आगामी 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में अपना पहला सॉफ्ट-लैंडिंग प्रयास करेगा। वर्तमान में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से युक्त चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने सफल डीबूस्टिंग के बाद अपनी कक्षा को घटाकर 113 किमी x 157 किमी कर दिया है। दूसरा डीबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त, 2023 को दोपहर 2 बजे के आसपास निर्धारित है। इस साल 14 जुलाई को लॉन्च किया गया, चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है।

कहां उतरेंगे विक्रम और प्रज्ञान
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान की सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में होगी। रूस के लूना-25 अंतरिक्ष यान के भी उसी क्षेत्र में सॉफ्ट-लैंडिंग करने का अनुमान है। अभी तक किसी भी देश ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं की है। हालाँकि, अतीत में अमेरिका, चीन और रूस द्वारा चंद्रमा के विषुवतीय क्षेत्र में सॉफ्ट-लैंडिंग की गई है। चंद्रयान-2 की गलती से सीख लेते हुए चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान का लैंडिंग क्षेत्र 4 किमी x 2.5 किमी तक बढ़ा दिया गया है। चंद्रयान-2 की लैंडिंग साइट छोटी थी – 500mx500m क्षेत्र के भीतर।

लैंडिंग कितनी कठिन ?
1.68 किलोमीटर/सेकंड की रफ्तार से शुरू में विक्रम लैंडर उतरने की कोशिश करेगा। इसे डीबूस्ट यानी धीमा करने की प्रक्रिया से गुजारा जाएगा।
30 किलोमीटर की ऊंचाई तक इसे लाया जाएगा। यह आसान नहीं है, क्योंकि यान अभी क्षैतिज है और लैंडिंग के लिए लंबवत किया जाएगा।
पिछली बार चंद्रयान-2 के समय यहीं समस्या हुई थी। इस बार कोशिश की गई है कि यान का ईंधन कम खर्च हो। सभी गणनाएं सटीक रहें।

कब सतह पर उतरेगा यान
23 अगस्त को विक्रम लैंडर के चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
14 दिन तक चांद की सतह पर रहकर विक्रम और प्रज्ञान फिर अपने प्रयोग करेंगे और पानी की खोज करेंगे।