प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी को एक बड़़ी जानकारी हाथ लगी है। अतीक और अशरफ की हत्या का आरोपी अरुण मौर्य असद के वॉट्स्ऐप ग्रुप शेर-ए-अतीक का सदस्य रह चुका है। असद ने अतीक के लिए यह ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप में अतीक के वीडियो और उसके वर्चस्व की कहानी बताई जाती थी। इस ग्रुप से बाद में अरुण लेफ्ट हो गया था और वह 90 वॉट्स्ऐप ग्रुप का सदस्य बन गया था।
सूत्रों के मुताबिक अतीक हत्याकांड की जांच पुलिस इस लाइन पर भी कर रही है कि यह हत्या कॉन्ट्रैक्ट किलिंग भी हो सकती है। तीनों शूटर्स के पीछे किसी बड़े माफिया का हाथ होने की बात भी सामने आ रही है।
ऐसा भी हो सकता है कि हत्या के लिए किसी बड़े गैंग को सुपारी दी गई हो और फिर इन तीनों शूटर्स को बड़ा माफिया बनने के लिए मोटिवेट किया गया हो। तीनों शूटर्स को साजिश का पता ही नहीं हो और इन्होंने हत्या कर दी। तीनो शूटर्स नशेड़ी हैं ऐसे में इनका इस्तेमाल करना और हत्या करवाना आसान था। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।
बता दें कि 15 अप्रैल की रात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस मेडिकल कराने के लिए काॅल्विन अस्पताल लेकर जा रही थी।दोनों की अस्पताल के गेट पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी।
तीनों शूटरों ने इसके बाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।तीनों का नाम लवलेश, सनी और अरुण मौर्य है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
एसआईटी ने तीनों शूटरों को अपनी हिरासत में ले लिया है। तीनों को कल सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।जहां से तीनों को 4 दिनों की पुलिस रिमांड दी गई। अब एसआईटी इन तीनों से पूछताछ कर रही है। एसआईटी ने बांदा से तीन युवकों को भी इस मामले में हिरासत में लिया है। तीनों अतीक हत्याकांड के आरोपी लवलेश के मित्र बताए जाते हैं।