फिल्म के मुहूर्त अवसर पर दो गीत हुए रिलीज, वक्ताओं ने साझा किए विभाजन के अनुभव
आगरा। इतिहास के पन्नों में झांके तो 1947 के भारत-पाक बंटवारे का दर्द आज भी आंखों से आंसुओं के रूप में छलक उठता है। अपनी आंखों के सामने लुटती बेटियों की अस्मत और बहते जवान बेटों का खून देखने वाले भारतीयों का यह असहनीय दर्द आज भी दिलों में गहरे जख्म छोड़ गया है। इन्हीं स्मृतियों को नई पीढ़ी से परिचित कराने का संकल्प लेकर आरए मूवीज डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘बंटवारे का दर्द’ लेकर आई है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रद्धेय श्रीराजकुमार सामा विचार मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इस फिल्म का मुहूर्त होटल अमर में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश जी महाराज (श्रीप्राचीन अवधूत मंडल श्रम, हरिद्वार) ने इसका शुभारंभ किया। इस मौके पर गुरुद्वारा गुरु का ताल के संत बाबा प्रीतम सिंह, श्री सोमनाथ धाम के जहाजनाथ योगी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रज प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र भी उपस्थित रहे।
फिल्म निर्माता रंजीत सामा और विजय सामा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि फिल्म का उद्देश्य बंटवारे के दौरान झेले गए असहनीय दुख और त्रासदी से चौथी पीढ़ी को अवगत कराना है। उन्होंने कहा—“आज की पीढ़ी को शायद अंदाजा भी नहीं कि हमारे बाप-दादाओं ने उस समय कैसी-कैसी मुसीबतें सही थीं। किसी की जवान बेटियों को कत्ल कर दिया गया, तो किसी को कुओं में कूदना पड़ा।”
इस अवसर पर बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से खाली हाथ लौटे और आज शहर के प्रतिष्ठित लोगों में शुमार पूरन डावर, किशोर खन्ना, हरीश शूज व अमरदेव साहनी ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे अपने बसे-बसाए घर और व्यापार छोड़कर वे भारत लौटे, जहां उनके पास दर्द के सिवाय कुछ नहीं था। भले ही उन्होंने संघर्ष कर आज बेहतर मुकाम हासिल किया हो, लेकिन जख्म आज भी ताजा हैं। उनकी आपबीती सुनकर उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम हो उठीं।
कार्यक्रम में जब संजय दुबे द्वारा लिखे गीत को सुजाता शर्मा की आवाज़ में गाया गया — “अपनों ने ही अपनों के संग खेला खूनी खेला था, बंटवारे को वो ही जाने जिसने दर्द ये झेला था…” गूंजा, तो सभागार भावनाओं से भर गया। इसी तरह “एक मुल्क था, एक थे हम सब…” गीत का विमोचन भी किया गया।
फिल्म के सह-निर्माता अजय शर्मा और बृजेश शर्मा हैं, जबकि लेखक एवं निर्देशक राष्ट्रपति पदक विजेता हेमंत वर्मा हैं। कार्यक्रम का संचालन अजय महाजन ने किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से अनिल लाल अरोड़ा, मनजीत सिंह, रोमेंद्र सिंह साहनी, नवल अग्रवाल, गिरधारीलाल, आरती सामा, पूजा ओबराय, परमानंद अवटानी, प्रमोद जैन, चाँद दीवान, जयराम दास, नारायण दास, दिलप्रीत सिंह, संजय दुबे, सुजाता शर्मा, संजय अरोड़ा, नरेंद्र पुरुस्नानी, घनश्याम लालवानी, घनश्यामदास रोरा, गोवर्धन सुनेजा, भीष्म लालवानी, प्रमोद गुप्ता, दीपक साहनी, प्रदीप मेहरा, प्रदीप सरीन, त्रिलोक जी, रानी सिंह, कुसुम महाजन, रेणु गुप्ता, भारती गुप्ता, कमलजीत कौर, शालू महाजन, गुनी कश्यप, अशोक कपूर, रमन साहनी आदि गणमान्य उपस्थित रहे।