
असम। स्कूल बंद करने को लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himant Biswa Sarma) की चुटकी ली और दिल्ली के स्कूल मॉडल के साथ उसकी तुलना की। इस बात पर हिमंत बिस्वा सरमा ने केजरीवाल को करारा जवाब दिया। दरअसल, असम में राज्य सरकार ने फैसला किया कि खराब रिजल्ट के चलते 34 स्कूलों को बंद किया जाएगा. इस पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया- “स्कूल बंद करना समाधान नहीं है। हमें तो अभी पूरे देश में ढेरों नए स्कूल खोलने की ज़रूरत है। स्कूल बंद करने की बजाय स्कूल को सुधार कर पढ़ाई ठीक कीजिए।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कुछ भी बोलने से पहले तैयारी करने की सलाह दी थी और आज केजरीवाल ने जवाब में कहा कि उनका इरादा गलतियां निकालने का नहीं था और हमें देश को मजबूत करने के लिए एक दूसरे से सीखना होगा। केजरीवाल ने बुधवार को असम में कुछ स्कूलों के बंद होने संबंधी खबर के लिंक के साथ ट्वीट किया था कि स्कूल बंद करना कोई हल नहीं है तथा देशभर में और अधिक स्कूल खोलने की जरूरत है।
शर्मा ने ट्विटर पर ही केजरीवाल पर पलटवार करते हुए स्कूलों को मिलाये जाने की बात कही थी और कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को टिप्पणी करने से पहले ‘होमवर्क’ करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया ‘‘प्रिय अरविंद केजरीवाल जी। हमेशा की तरह आपने बिना तैयारी के टिप्पणी की। शिक्षा मंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल से अब तक, कृपया ध्यान दीजिए कि असम सरकार ने 8610 से अधिक नये स्कूल स्थापित किये हैं या निजी क्षेत्र से सरकारी क्षेत्र में लिये हैं।’’
शर्मा ने यह भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने पिछले सात साल में कितने स्कूल शुरू किये हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक ने शुक्रवार को शर्मा के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा ‘‘ओह, लगता है आप नाराज हो गए। मेरा इरादा आपकी गलतियां निकालना नहीं था। हम सभी एक देश हैं। हमें एक दूसरे से सीखना होगा तभी भारत नंबर एक देश बनेगा।’’ केजरीवाल ने कहा कि वह असम की यात्रा करना चाहते हैं और शर्मा बताएं कि उन्हें कब आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आप शिक्षा के क्षेत्र में मुझे अपने अच्छे काम दिखाइए। आप दिल्ली आइए, मैं आपको दिल्ली में हुए काम दिखाऊंगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्य और दिल्ली के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के हालात कमोबेश “नगर निगम” के समान हैं। उन्होंने अपने दिल्ली के समकक्ष अरविंद केजरीवाल को असम आने और सरकार द्वारा संचालित शिक्षा और स्वास्थ्य इकाइयों को देखने का आग्रह किया। वहीं, उन्होंने कहा कि वह भी अपनी यात्रा के दौरान दिल्ली में इन सुविधाओं का दौरा करेंगे। शर्मा, केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं के दिल्ली में असम की तुलना में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने दावा किया, “दिल्ली सिर्फ नाम का राज्य है, इसके हालात नगर निगम के जैसे हैं।” उन्होंने तर्क दिया, यदि तुलना अन्य राज्यों से करनी हो तो, असम की तुलना झारखंड, छत्तीसगढ़ या पंजाब से की जाए। सरमा ने कहा, “मैंने उनके मोहल्ला क्लीनिक देखे हैं।
लेकिन हमारे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सुविधाओं को देखने के बाद, उनके क्लीनिक में देखने के लिए बचा क्या है?” मुख्यमंत्री यहां स्वाहिद स्मारक एवं पार्क के कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, दिल्ली में छह से सात हज़ार शिक्षकों के साथ लगभग 1,200 स्कूल हैं, जबकि असम में राज्य सरकार के 60,000-70,000 स्कूल हैं, जिनमें लगभग ढाई लाख शिक्षक कार्यरत हैं। सरमा ने कहा, “अगर हमारे पास केवल 1,200 स्कूल होते, तो मैं हर दिन प्रत्येक स्कूल का दौरा करता…तब स्कूल में नाश्ते में मछली, दोपहर के भोजन के लिए मांस और रात के खाने के लिए पुलाव परोसा जाता।”
केजरीवाल द्वारा उन्हें स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं को देखने के लिए दिल्ली आने के लिए कहने पर, शर्मा ने कहा, “मैं अक्सर दिल्ली जाता हूं, मुझे वहां जाने के लिए कहने के लिए उन्हें ट्वीट करने की आवश्यकता नहीं है।” उन्होंने कहा, “चूंकि उनकी (केजरीवाल) इच्छा है, मैं अपनी किसी एक यात्रा के दौरान वहां के मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल का दौरा करूंगा। वह भी यहां आकर हमारी सुविधाएं भी देख सकते हैं।” गौरतलब है कि केजरीवाल ने बुधवार को असम में कुछ स्कूलों के बंद होने संबंधी खबर के लिंक के साथ ट्वीट किया था कि स्कूल बंद करना कोई हल नहीं है तथा देशभर में और अधिक स्कूल खोलने की जरूरत है। इस पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरूा ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टिप्पणी करने से पहले ‘होमवर्क’ करने की सलाह दी थी।