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बाबरी मस्जिद केस: राम विलास वेदांती अपने पुराने बयान पर कायम, कहा वहां केवल और केवल मंदिर था

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लखनऊ। बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में मंगलवार को भाजपा के पूर्व सांसद व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष राम विलास वेदांती सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। यहां उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। वे अपने पुराने बयान पर कायम रहे। वेदांती ने कहा- “मंदिर के खंडहर को मैंने गिराया था। वहां केवल और केवल मंदिर था, जिसे राजा विक्रमादित्य ने 84 कसौटी के खंभे पर बनवाया था। उस मंदिर पर रामलला विराजमान थे। वह खंडहर हो चुका था, इसलिए हमने खंडहर को तोड़वाकर नया मंदिर बनवाने का संकल्प लिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरा करने का काम किया है।”

आडवाणी, जोशी, उमा भारती को कोर्ट आना होगा
इससे पहले सोमवार को विशेष अदालत में रामजी गुप्ता के अलावा प्रकाश शर्मा उपस्थित हुए थे। अदालत ने पवन पांडेय, बृजभूषण शरण सिंह, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, कल्याण सिंह, राम विलास वेदांती, साक्षी महाराज समेत 27 लोगों की हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र स्वीकार किया था। यह भी कहा था कि, जिनके बयान होना बाकी है, बुलाए जाने पर बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट के समक्ष पेश हों।

लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व उमा भारती के संबंध में कोर्ट ने कहा था कि, इन सभी लोगों की हाजिरी अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम आदेश तक माफ है। लेकिन, जब गवाही के लिए बुलाया जाएगा, तब कोर्ट में हाजिर होना होगा। हालांकि, कोर्ट ने यह साफ नहीं किया कि, इन नेताओं को कब बुलाया जाएगा।

49 आरोपी बनाए गए थे, 32 बचे जीवित
28 साल पहले यानी 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में थाना राम जन्मभूमि में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए 49 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पवन कुमार पांडेय, बृजभूषण शरण सिंह, सतीश प्रधान, विनय कटियार, साध्वी ऋतभरा, राम विलास वेदांती, चंपत राय, नृत्यगोपाल दास, लल्लू सिंह, महंत धर्मदास, साक्षी महाराज, आरएन श्रीवास्तव आरोपियों में शामिल हैं। आरोपियों में 32 जीवित हैं, जबकि 19 की मौत हो चुकी है। मामले में सीबीआई की तरफ से बीते बुधवार को गवाही पूरी हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की विशेष न्यायाधीश को बाबरी मस्जिद विध्वंस केस को 31 अगस्त तक पूरा करने का आदेश दिया था। इससे पहले मामले में अप्रैल माह तक फैसला सुनाया जाना था। ट्रायल न्यायाधीश एस यादव ने 6 मई को शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर समय बढ़ाने की मांग की थी। जिसमें कहा गया था कि साक्ष्य की रिकॉर्डिंग अभी पूरी नहीं हुई है।

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