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महंगाई को लेकर कांग्रेस नेता कर रहे हैं केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश

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नई दिल्ली। कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों भी महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का हंगामा देखने को मिला। इस बार संसद के मानसून सत्र में भी कांग्रेस की ओर से महंगाई और बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया गया था। इन सब के बीच से दिल्ली के रामलीला मैदान में 28 अगस्त को कांग्रेस की ओर से महंगाई को लेकर हल्ला बोल रैली आयोजित होने वाली थी। लेकिन फिलहाल इसे टाल दिया गया है। अब यह रैली 4 सितंबर को होगी कांग्रेस के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने इसको लेकर एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में जयराम रमेश ने लिखा कि कोविड-19 के मौजूदा हालात को देखते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा 28 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली ‘महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली की तारीख आगे बढ़ाई जा रही है। अब यह रैली 4 सितंबर को होगी।

हालांकि, इससे पहले जयराम रमेश की ओर से ही इस रैली को 28 अगस्त को करने की बात कही गई थी। महंगाई को लेकर कांग्रेस नेता लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी जैसे नेता मोदी सरकार पर महंगाई और बेरोजगारी को लेकर निशाना साथ रहे हैं। जयराम रमेश ने आज इसके साथ ही यह भी कहा है कि इस रैली के माध्यम से असंवेदनशील मोदी सरकार को जोरदार संदेश दिया जाएगा। आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पिछले दो महीनों में दूसरी बार कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस की ओर से महंगाई वाली रैली को फिलहाल टालने की बात कहीं गई है।

इससे पहले कांग्रेस की ओर से कहा गया कि इस रैली से पहले 17 अगस्त से 23 अगस्त के बीच देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की मंडियों, खुदरा बाजारों और अन्य कई स्थानों पर महंगाई चौपाल आयोजित की जाएगी। उन्होंने एक बयान में कहा, कांग्रेस ने गत पांच अगस्त को मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया जिसके साथ लोगों ने खुद को जोड़ा। प्रधानमंत्री ने हताशा में आकर इसे काला जादू बताने का प्रयास किया जो इस बात को दर्शाता है कि भाजपा सरकार आसमान छूती महंगाई और बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है। दही, छाछ, पैक की गई खाद्य वस्तुएं जैसे आवश्‍यक सामानों पर अत्‍यधिक करों के कारण महंगाई बढ़ रही है, जबकि सार्वजनिक सम्‍पत्तियों को मित्र पूंजीपतियों को हस्‍तांतरित करने और सेना में भर्ती की दिशाहीन अग्निपथ योजना जैसे कदमों से रोजगार की स्थिति बद से बदतर हो रही है।

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