उज्जैन।मोस्ट वांटेड क्रिमिनल विकास दुबे जिस पर कई हत्याओं और डकैती के मामले दर्ज़ हैं। वो आज महाकाल मंदिर से पकड़ा गया एक सुरक्षागार्ड और मंदिर में प्रसाद बांटने वाले ने विकास को पहचान जाने से लेकर गिरफ्तारी तक का पूरा किस्सा बताया है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की घेरकर हत्या करने के आरोपी अपराधी विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार किया गया। विकास सुबह 7 बजे मंदिर पहुंचा था।
संदिग्ध लगा तो रोक लिया’
महाकाल मंदिर की सुरक्षा में लगे गार्ड ने बताया, ‘यह सुबह 7 बजे के लगभग की घटना है। उसने पीछे के गेट से आने की कोशिश की। हम लोगों ने उसे देखा और संदिग्ध लगने पर मना किया। हम लोगों ने पहले से ही विकास दुबे का फोटो देख रखा था। उसने कहा कि महाकाल का दर्शन करने आया हूं। हमने पहले तो उसे मना किया और फिर हर विभाग के अधिकारी को बताया।
गार्ड ने बताया, ‘उसने अभी मंदिर में दर्शन नहीं किया था। हमने उससे पूछताछ की। वह अकेला ही था। और भी कुछ 2-3 लोग थे लेकिन वह साथ में थे या फिर भीड़ का हिस्सा। यह कन्फर्म नहीं है। वह शायद अकेला ही था।
भागने की ताक में था विकास
वहीं महाकाल मंदिर में प्रसाद बांटने वाले गोपाल ने बताया, ‘प्रसाद वितरण के दौरान विकास दुबे मेरे पास आया। वह पूछने लगा कि बैग और जूता कहां रखूं? इस दौरान सिक्यॉरिटी गार्ड की नजर इस पर गई और उसने पहचान लिया कि यही विकास दुबे है। फिर बैठाकर पूछताछ की गई और पुलिस चौकी में सूचना दी गई। उसने भागने की कोशिश भी की। उसके पास से रसीद भी मिली।’
सबसे पहले विकास को दुकानदार ने पहचानाउज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि विकास दुबे को महाकाल मंदिर परिसर में सबसे पहले एक दुकानदार ने पहचाना। उन्होंने बताया कि सुरक्षा गार्ड ने भी कुछ संदिग्ध मामला लगने पर सूचना दी। इसके बाद विकास से पूछताछ की गई। उसने हाथापाई की कोशिश भी की। इसके बाद उसे पुलिस ने कस्टडी में ले लिया, जहां अपराधी ने कबूल कर लिया कि वह विकास दुबे है।