एंटरटेनमेंट डेस्क। ऐक्टर विवेक दहिया ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ‘वीरा’ में नेगेटिव किरदार से एंट्री की थी, फिर कयामत की रात में ‘राज’, ‘ये हैं मोहब्बतें’ में एसीपी अभिषेक और ‘कवच’ में राजबीर के रोल से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली। इस इंडस्ट्री में फेस किए अपने स्ट्रगल्स के बारे में उन्होंने अपना अनुभव साझा किया।
किस्मत से आये एक्टिंग में
विवेक का कहना हैं कि वह चंडीगढ़ में कार्पोर्ट जॉब करते थे और ऐक्टिंग में किस्मत से आ गए।वे जॉब के बीच में कभी-कभी मॉडलिंग भी कर लेते थे। एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने ऐक्टिंग के लिए ऑडिशन दिया। इसके बाद वह अकाउंट में 50 हजार रुपये लेकर इस फैसले के साथ मुंबई कि और रवाना हुए कि जिस दिन वे और स्ट्रगल नहीं कर पाएं उस दिन वापस चंडीगढ़ चले जाएंगे ।
एक नहीं तो, दूसरा जूता पहन लूंगा
विवेक का कहना था मैंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। विवेक बताते हैं कि आप ग्लैमर इंडस्ट्री में कदम रखते हैं तो आपको कई कोऑर्डिनेटर्स मिल जाते हैं। ऐसे ही एक कोऑर्डिनेटर ने विवेक से कहा था कि उनका इस इंडस्ट्री में टिक पाना मुश्किल है क्योंकि कोई गॉड फादर नहीं है।शुरुआत में उसने विवेक से कहा कि अगर शो में बड़ा रोल चाहिए तो लोगों को खुद पैसे देने होंगे। विवेक ने जब पैसा देने से इनकार कर दिया तो उसने दूसरा रास्ता सुझाया जो कि कास्टिंग काउच का था। इसमें उन्हें लोगों को ‘खुश’ करना था। जब विवेक ने पूछा कि इन सबके अलावा क्या कोई और रास्ता है तो उसने जवाब दिया, ‘तुम्हारे जूते घिस जाएंगे लेकिन तुम्हें काम नहीं मिलेगा। कुछ नहीं होगा।’ इस पर विवेक ने जवाब दिया, मेरे पास बहुत सारे जूते हैं, एक नहीं तो दूसरा पहन लूंगा लेकिन गलत रास्ता नहीं चुनूंगा।