नई दिल्ली। कांग्रेस घोषणापत्र के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने भी सोमवार को 2019 लोकसभा चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस के ‘हम निभाएंगे’ के वाले घोषणा पत्र के बाद अब बीजेपी ने भी ‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’ नाम से अपना घोषणापत्र जारी कर दिया . बीजेपी के घोषणा पत्र में जहां किसानों को पेंशन देने का वादा किया गया है, वहीं रोजगार को लेकर कोई खास संकल्प नहीं क्या गया है. जबकि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी करते हुए 22 लाख रिक्त पदों को भरने का वादा किया था .राहुल गाँधी और नरेंद्र मोदी के घोषणापत्र में क्या -क्या है अंतर
किसान
कांग्रेस ने किसानों के लिए अलग से बजट बनाने के अलावा कर्ज न अदा कर पाने की स्थिति में क्रिमिनल ऑफेंस को खत्म करने का वादा किया है. जबकि बीजेपी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2 हेक्टेयर की सीमा खत्म कर अब सभी किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद सीधे खातों में पहुंचाने का वादा किया है. साथ ही 60 साल से ज्यादा उम्र वाले किसानों छोटे व सीमांत किसानों को पेंशन देने का वादा भी किया है.
रोजगार
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेरोजगार युवाओं को साधने के लिए 22 लाख सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों को 2020 तक भरने का वादा किया है. साथ ही 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायतों में रोजगार देने का वादा भी कांग्रेस ने किया है. इसके अलावा युवाओं को 3 साल के लिए व्यापार करने के लिए कोई परमिशन नहीं लेने का वादा भी किया गया है. जबकि बीजेपी के संकल्प पत्र में रोजगार सृजन पर कोई ठोस वादा नहीं है, बल्कि कर नीति में बदलाव से नए रोजगार सृजन की बात भी की गई है. इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में छोटे एवं लघु उधोगो को वित्तीय सहायता प्रदान कर रोजगार सृजन के लिए उद्यमशील उत्तरपूर्व योजना की स्थापना की जाएगी.
गरीब कल्याण
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में देश से गरीबी मिटाने का नारा देते हुए न्याय योजना की बात कही थी, जिसके तहत देश के 20 फीसदी गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया है. जबकि बीजेपी के घोषणा पत्र में गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी गुजार रहे परिवारों की संख्या में कमी लाने और 2022 तक कच्चे मकानों में रहने वाले सभी गरीबों को पक्का मकान देने का वादा किया भी किया गया है. साथ ही अनाज के साथ चीनी भी सब्सिडी पर दी जाएगी. यानी प्रति परिवार अब 13 रुपये किलो के हिसाब से चीनी उपलब्ध कराई जाएगी.
ग्रामीणों में रहने वालो के लिए वादे
कांग्रेस ने ग्रामीणों को साधने के लिए मनरेगा के तहत 100 दिन के बजाय अब 150 दिन रोजगार की गारंटी का वादा किया है. जबकि दूसरी तरफ बीजेपी ने आदिवासियों को रोजगार देने के लिए 50000 वन-धन विकास केंद्रों की स्थापना करने का संकल्प लिया है.
शिक्षा व स्वास्थ्य
शिक्षा पर बजट का 6 फीसदी पैसा खर्च करने का वादा किया है और स्वास्थ्य सेवा के लिए हेल्थ बीमा योजना के बजाय सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने का वादा कांग्र्रेस ने किया है. जबकि बीजेपी ने 2022 तक टेलिमेडिसिन के तहत गरीब के दरवाजे तक प्राथमिक उपचार देने का वादा किया है. 2024 तक हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का वादा किया गया है.