Home National हमने आतंकी फैक्ट्रियों में घुसकर, आतंकियों को मारा: पीएम मोदी

हमने आतंकी फैक्ट्रियों में घुसकर, आतंकियों को मारा: पीएम मोदी

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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को महाराष्ट्र के नासिक में चुनावी सभा को संबोधित करेट हुए कहा कि अब कोई भी भारत को आंख दिखाने से पहले 100 बार सोचता है। उन्होंने कहा- हमने आतंकी फैक्ट्री में घुसकर उसे खत्म कर दिया। अब आतंक सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक ही सिमट गया है। आतंकियों को पता है कि अगर बम धमाका किया तो मोदी पाताल से भी निकालकर खत्म कर देगा।

हम आंख से आंख मिलाकर बात करेंगे- मोदी
उन्होंने कहा, ‘‘देश में एक ऐसी जमात भी है, जो एक दिन सरकार बनाती है और दूसरे दिन गिरा देती है। मैं जब 2014 में पहली बार चुनाव लड़ रहा था, तब उन्होंने मुझसे कहा था कि विदेश नीति कैसे संभालोगे? तब मैंने कहा था कि हम दुनिया के साथ न आंख नीची करके बात करेंगे और न ही आंख उठाकर बात करेंगे। हम तो आंख से आंख मिलाकर बात करेंगे।’’

‘श्रीलंका में ईस्टर के दिन खेला गया खूनी खेल’
मोदी ने कहा, ‘‘ईस्टर के दिन जब श्रीलंका में लोग शांति का संदेश दे रहे थे, तब नर राक्षसों ने आकर खूनी खेल खेला। मेरी सरकार से पहले भारत में भी कई जगह बम धमाके होते थे और तब यहां कांग्रेस और एनसीपी की सरकार थी। वे धमाके के बाद सिर्फ श्रध्दांजलि सभाएं करते थे। तब सरकार रोती थी कि पाकिस्तान हमारे देश में आकर ऐसा करता है, वैसा करता है। अब आपके इस चौकीदार ने कांग्रेस-एनसीपी का यह डर खत्म कर दिया।’’

‘कांग्रेस बिचौलियों को फायदा पहुंचाती थी’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपको कांग्रेस की एक चालाकी भी बता रहा हूं। बिचौलियों को फायदा देने के लिए फसल की कीमतों से ये खेल करते थे। कांग्रेस सरकार ने बिचौलियों को हमेशा बचाया है। हमारी सरकार ने बिचौलियों को पकड़ने का काम किया है। कांग्रेस महाराष्ट्र में नदियों को लेकर भी झूठ फैला रही है।’’

‘पांच एकड़ की जमीन के नियम हटा दिए जाएंगे’
मोदी ने कहा, ‘‘आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। आदिवासी हस्तशिल्प कला के प्रचार-प्रसार के लिए ऑनलाइन माध्मय का विकास किया गया। अन्नदाता किसान के लिए बीज से लेकर बाजार तक मजबूत ढांचा तैयार किया है। कई किसान परिवार के खातों में सहायता राशि और योजनाओं की राशि आ भी चुकी है। फिर से मोदी सरकार आने पर महाराष्ट्र में पांच एकड़ की जमीन के नियम हटा दिए जाएंगे। प्याज के ट्रांसपोर्टेशन में लगने वाले खर्च को भी कम किया जाएगा।”

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