Home MOST POPULAR बागी विधायकों को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं...

बागी विधायकों को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

910
12

बेंगलुरु । बुधवार को कर्नाटक में बागी विधायकों के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें इस मामले में संवैधानिक संतुलन बनाए रखना है। स्पीकर 15 बागी विधायकों के इस्तीफों पर अपने अनुसार विचार करें। स्पीकर खुद से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। उन्हें समय सीमा के भीतर निर्णय लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने कहा कि विधायकों को सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए बाध्य न किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि मैं ऐसा फैसला लूंगा जो किसी भी तरह से संविधान, न्यायालय और लोकपाल के विपरीत ना जाए।

बागी विधायकों की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने फैसले के बाद बताया 15 विधायक गुरुवार को विधानसभा में उपस्थित नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी है कि कोई भी इन विधायकों को विश्वास मत के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अब आप पूरा समीकरण समझ सकते हैं कि विधानसभा की 224 सदस्य हैं। 15 विधानसभा में उपस्थित नहीं होंगे। ऐसी स्थिति में बचे हुए विधायकों में ही सरकार को बहुमत साबित करना होगा।

फैसले पर बीएस येदियुरप्पा ने कहा मुख्यमंत्री बहुमत खो चुके हैं। उन्हें कल इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है। यह बागी विधायकों की नैतिक जीत है। यह सिर्फ अंतरिम आदेश है, सुप्रीम कोर्ट बाद में स्पीकर के अधिकारों पर फैसला लेगा।

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफे पर फैसला न लेने पर 15 बागी विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से कांग्रेस-जेडीएस सरकार को खतरा हो सकता है। कुमारस्वामी सरकार कल विश्वास मत साबित करेगी। ऐसे में अगर बागी विधायक सदन की कार्रवाई में शामिल नहीं होते तो सरकार गिर सकती है।

यदि बागी विधायक सदन से अनुपस्थित रहें : कर्नाटक में स्पीकर को छोड़कर विधायकों की संख्या 223 है। बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन जरूरी है। कांग्रेस (78), जेडीएस (37) और बसपा (1) की मदद से कुमारस्वामी सरकार के पास अभी 116 विधायक हैं, लेकिन 16 विधायक बागी होकर विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। अगर ये विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहते हैं तो सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी। बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाएगा। लेकिन, बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और सरकार गिर जाएगी।

अगर बागी विधायक अयोग्य करार दिए गए:

यदि स्पीकर बागियों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो भी सदन में गुरुवार को विश्वास मत के दौरान सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जुटाना होगा। यह उसके पास नहीं होगा। ऐसे में भी सरकार गिर जाएगी।

अगर बागियों ने सरकार के खिलाफ वोटिंग की तो 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं होते और वे फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो सरकार के पक्ष में 100 वोट पड़ेंगे। यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से कम होगी। ऐसे में कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत खो देगी और सरकार के खिलाफ वोट करने पर बागियों की सदस्यता खत्म हो जाएगी।

यदि कुमारस्वामी सरकार गिर गई तो ऐसी स्थिति में भाजपा राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। 76 वर्षीय बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार गिर गई तो हम तीन दिन में राज्य में भाजपा सरकार बना लेंगे।

12 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here