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महाकुंभ में योगी कैबिनेट की बैठक को लेकर भड़के अखि‍लेश यादव

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लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में कैबिनेट बैठक आयोजित करने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कुंभ राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए सही जगह नहीं है और बीजेपी सरकार राजनीतिक संदेश देने के लिए वहां अपनी कैबिनेट बैठक कर रही है। सपा प्रमुख ने वक्फ संशोधन कानून के मुद्दे पर भी केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना की और कहा कि इसका मकसद वक्फ की जमीन हड़पना है।

महाकुंभ मेला स्थल पर राज्य कैबिनेट की बैठक के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि कुंभ और प्रयागराज वह जगह नहीं है जहां राजनीतिक फैसले लिये जाएं। कैबिनेट बैठक राजनीतिक होती है और इसे कुंभ में आयोजित करना राजनीतिक संदेश देने का प्रयास है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसको लेकर पलटवार किया उन्होंने कहा कि हमने देखा महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक हुई और कई बड़े फैसले लिए गए। लेकिन सैफई में नाच-गाना का आयोजन करने वाले पूछते हैं कि महाकुंभ में कैबिनेट बैठक क्यों की गई। यह उनका दोहरा चरित्र है।

महाकुम्भ नगर के अरैल में त्रिवेणी संकुल में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर दो नए पुल के निर्माण समेत 10 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रयागराज में सलोरी और हेतापट्टी के बीच गंगा नदी पर नया पुल बनाने और यमुना नदी पर बने सिग्नेचर पुल के समानांतर एक नया पुल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।” उन्होंने कहा कि प्रयागराज की अपनी आंतरिक यातायात की चुनौतियां हैं। गंगा नदी पर नया छह लेन का पुल बन रहा है जो समय रहते पूरा हो जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि अगले कुंभ में ढांचागत विकास का लाभ आने वाले श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा।’’ सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर किए गए प्रस्तावों में उत्तर प्रदेश को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में ‘महारथी’ बनाने के उद्देश्य से नई नीति को मंजूरी दी गई है जिसके अंतर्गत 50,000 करोड़ के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य है। इस नीति के लागू होने के बाद प्रदेश के एक लाख युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा, विदेशी कंपनियों को उद्योग स्थापित करने के लिए एफडीआई नीति को भी मंजूरी प्रदान की गई जिसमें भूमि पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।