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योग: शीर्षासन कर निरोग जीवन पाएं

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हेल्थ डेस्क। योग में कुछ आसान ऐसे होते हैं जो क्रियात्मक के साथ-साथ आध्यात्मिक भी होते हैं। उन्हीं में से एक है शीर्षासन। इसमें सिर के बल उल्टा खड़े होते हैं, जिसके आध्यात्मिक फायदे तो हैं ही साथ ही हमारे शरीर के लिए भी यह आसन काफी फायदेमंद है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है, अच्छे से सुनाई देता है और बाल भी हेल्दी रहते हैं।

ऐसे करें आसन

1.सबसे पहले खड़े हो जाएं। इसके बाद हाथों को आगे जमीन पर रख लें और शरीर से एक त्रिकोण बनाएं।

2. अब सिर को जमीन में रखें और पैरों को ऊपर उठा कर उल्टे खड़े हो जाएं।

आयंगर पद्धति से
प्रकार एक
इसके लिए आपको एक उपकरण बनवाना होगा। इसमें लकड़ी के पटल में एक लकड़ी का डंडा जैसा लगवा लें। इसके बाद उस पटरी पर सिर रखकर उल्टे हो जाएं और उस पिलर से बॉडी को सटाकर सपोर्ट दें।

प्रकार दो
इसमें दो स्टूल लें और उस पर फोम के दो ब्रिक रखें। अब दोनों स्टूलों के बीच सिर रख लें जबकि पैरों को दीवार से सहारा दें।

प्रकार तीन
इसमें दीवार में दो रस्सी बांध लें और बीच में एक-एक गांठ लगा दें। अब उन गांठ को पकड़कर उल्टे लटक जाएं।

आसन के फायदे

1. इस आसन से शरीर में आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है।

2. मांसपेशियों के साथ पंच इंद्रियों का तनाव कम होता है।

3. बाल स्वस्थ होते हैं और आंखों की रोशनी बढ़ती है।

4. कान में सुनने की क्षमता में वृद्धि होती है।

5. साथ ही मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह भी बेहतर होता है।

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