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काव्य कृति ‘बोलती सरहदें’ का हुआ विमोचन, सहित्य जगत के दिग्गज रहे मौजूद

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आगरा। एहसासों के सागर से कुछ सीपी शंख उठाता हूँ, मैं भारत का फौजी हूँ, गीत वतन के गाता हूँ। यह पंक्तियाँ हैं डॉ ह्रदेश चौधरी की काव्य कृति ‘ बोलती सरहदें ‘ की, जिसका भव्य विमोचन फतेहाबाद रोड स्थित पंचतारा होटल क्लार्क शिराज़ में किया गया। इस कार्यक्रम में फौज के उच्च पदों पर रहे अनेक अधिकारियों ने शिरकत करके इस कार्यक्रम की गरिमा में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम स्थल को मुख्य द्वार से लेकर मंच तक पूरी आर्मी थीम पर देशभक्ति से परिपूर्ण किया गया था, उस पर फौजियों को समर्पित गीतों की स्वर लहरियाँ हर आगुन्तक के दिल में राष्ट्र के प्रति एक जुनून और जज़्बा पैदा कर रही थी।

कार्यक्रम प्रभारी पवन आगरी ने जब अपने संचालकीय कौशल के साथ दीप प्रज्वलन के लिए मंचासीन अतिथियों के बजाय वहाँ उपस्थित सैन्य अधिकारियों को आवाज़ दी और उनकी शौर्य गाथाओं का बखान करते हुए दीप प्रज्वलन के साथ उनका सम्मान कराया तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।

सांसद प्रो एस पी सिंह बघेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद
मुख्य अतिथि सांसद प्रो एस पी सिंह बघेल ने कहा कि काव्य कृति ‘बोलती सरहदें’ सभी के बीच में उस वक़्त पहुँच रही है जब समूचा राष्ट्र काश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद उल्लासित है और सेना के मान सम्मान के प्रति उसका समर्पण और मुखरित हुआ है।
ब्रिगेडियर मनोज कुमार, कर्नल जी एम खान, कर्नल (डॉ) उमेश चंद्र दुबे, कर्नल अजय मिश्रा, कर्नल लोकेश डागर और फौजी नगेन्द्र सिंह ने भी कहा कि इस पुस्तक ‘बोलती सरहदें’ के काव्यात्मक चित्रण में उनकी देश सेवा की बहुत सारी यादें समाहित हैं। जिसके लिए वो खुद को इससे जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं।

इन्होने किया काव्य कृति का विमोचन
पुस्तक की लेखिका डॉ ह्रदेश चौधरी ने कहा कि सरहदों पर तैनात हर प्रहरी और उनके परिजनों की भावनाओं को बहुत अंदर तक महसूस करके मैंने उसे शब्दों में उकेरने की कोशिश की है। काव्य कृति का विमोचन मुख्य अतिथि आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरविंद कुमार दीक्षित, प्रख्यात कवि विनीत चौहान, साहित्यकार मंगल नसीम, राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, कवि सोम ठाकुर, इंडियन ऑयल मथुरा के डीजीएम के एस चौधरी, जी बी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज (दिल्ली) के प्रोफेसर डॉ अजय कुमार सिंह, इंदिरा गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी (दिल्ली) की प्रोफेसर दीप्ति छावड़ा सिंह, हास्य कवि पवन आगरी और रावी इवेंट्स के निदेशक मनीष अग्रवाल ने किया।

डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म हुई प्रदर्शित
इस अवसर पर अजय शर्मा और ब्रिजेश शर्मा द्वारा निर्देशित एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म भी प्रसारित की गई, जिसमें आराधना संस्था के माध्यम से डॉ ह्रदेश चौधरी द्वारा संचालित घुमन्तु पाठशाला और उनके द्वारा रचित काव्य कृति बोलती सरहदें की रूप रेखा बेहद ही खूबसूरत ढंग से प्रस्तुत की गई।

पुस्तक समीक्षा में विश्लेषकों ने काव्य पुस्तिका की तरीफ
पुस्तक समीक्षा करते हुए डॉ रजनीश त्यागी, डॉ नीलम भटनागर और कुमार ललित ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण ये कृति कथ्य और शिल्प दोनों ही मानकों पर खरी उतरती है। सैनिकों और उनके परिजनों के मन की इससे ज्यादा खूबसूरत भावात्मक अभिव्यक्ति कोई दूसरी हो ही नहीं सकती।

प्रख्यात कवि विनीत चौहान ने कार्यक्रम में लगाए चार चाँद
कार्यकम के मुख्य आकर्षण रहे देश के प्रख्यात कवि विनीत चौहान, जिन्होंने काश्मीर, कारगिल और बाघा बॉर्डर के अनेक प्रसंग उठाकर अपनी ओजस्वी टिप्पणियों और काव्य कौशल से समूचे प्रेक्षागृह को रोमांचित किया।

मुख्य रूप से रहे मौजूद
इस अवसर पर सामाजिक, राजनैतिक और साहित्य जगत की अनेक नामचीन हस्तियों ने शिरकत की, जिनमें डॉ शशि तिवारी, डॉ मधुरिमा शर्मा, डॉ रुचि चतुर्वेदी, सुधीर नारायन, संजय बंसल, विक्रम शुक्ला, रमेश मुस्कान, के सी श्रीवास्तव, विनय पतसरिया, पवन सिंह, रविन्द्र पाल टिम्मा, डॉ अलका सेन, अमीर अहमद, वत्सला प्रभाकर, आनंद राय, अरविंद सिंह, डॉ मधु भारद्वाज, दिवाकर तिवारी, शबाना खंडेलवाल, डॉ अनुज त्यागी, विवेक रायजादा, नूतन अग्रवाल आदि प्रमुख थे। कार्यक्रम का संयोजन आराधना संस्था और प्रबंधन रावी इवेंट्स का रहा । धन्यवाद ज्ञापन मानवेन्द्र मल्होत्रा ने किया।

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