बिज़नेस डेस्क। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि भारत में सरकार द्वारा कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती करने के एलान से अगले साल विकास दर सात फीसदी हो सकती है। फिलहाल इस वित्त वर्ष में इसके 6.1 के रहने की उम्मीद है।
मुद्रा कोष के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के निदेशक चेंगयांग री ने कहा कि रेपो रेट में आरबीआई द्वारा कमी और टैक्स में कटौती से देश के अंदर निवेश काफी बढ़ेगा। इसके साथ ही देश को वित्तीय एकीकरण पर ध्यान देना चाहिए और एनबीएफसी सेक्टर की समस्याओं का भी समाधान करना चाहिए। सरकारी बैंकों को पूंजी मुहैया करवाने जैसे प्रयासों से बैंकिंग सेक्टर में सुधारों की प्रक्रिया जारी है।
करना होगा समस्याओं का हल
इस संदर्भ में आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि बुनियादी मुद्दों पर भारत ने काफी अच्छा काम किया है। लेकिन अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए भारत को कुछ और समस्याओं का हल करना होगा।
भारत की महिलाएं हैं प्रतिभाशाली
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि दीर्घकालिक सुधारों के लिए मानव पूंजी में निवेश पहली प्राथमिकता है। उनका कहना है कि श्रम शक्ति में महिलाओं को शामिल करना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की महिलाएं काफी प्रतिभाशाली हैं, लेकिन वो घर बैठी हुई हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले साल काफी मजबूत वृद्धि दर्ज की गई थी।