विश्व लिवर दिवस विशेष:
हर वर्ष 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लिवर स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और लिवर से जुड़ी बीमारियों की जानकारी देना है। लिवर शरीर का एक अत्यंत आवश्यक अंग है, जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन, पोषण संग्रहण और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाता है। इस अवसर पर हमने बात की डॉ. धर्मेन्द्र त्यागी (एम.डी., डी.एम. – गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) से, जो एक प्रसिद्ध कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट और इंटरवेंशनल एंडोस्कोपिस्ट हैं। आइए जानते हैं उनसे लिवर से जुड़ी समस्याओं, उनके निदान और लिवर को स्वस्थ रखने के उपायों के बारे में।
डॉ. त्यागी, लिवर हमारे शरीर में क्या कार्य करता है और यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
लिवर शरीर का एक बहुकार्य अंग है। यह भोजन को पचाने में सहायता करता है, खून को साफ करता है, विषैले तत्वों को बाहर निकालता है, शर्करा और वसा का संतुलन बनाए रखता है, और साथ ही यह शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन व एंजाइम्स बनाता है। लिवर की सेहत का सीधा असर हमारी संपूर्ण शारीरिक स्थिति पर पड़ता है। इसलिए इसे स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है।
लिवर से जुड़ी प्रमुख बीमारियाँ कौन-सी हैं जिनके बारे में लोगों को जागरूक होना चाहिए?
- फैटी लिवर डिज़ीज – यह तब होता है जब लिवर में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है।
- हेपेटाइटिस – यह वायरस से होने वाली बीमारी है, जो लिवर की सूजन का कारण बनती है।
- सिरोसिस – यह लिवर का गंभीर क्षय है, जिसमें लिवर की कार्य क्षमता कम हो जाती है।
- लिवर कैंसर – जब लिवर की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।
- लिवर इन्फेक्शन जैसे लिवर एब्सेस और एक्यूट हेपेटाइटिस – जो संक्रामक हो सकते हैं।
इन बीमारियों को समय रहते पहचान कर सही इलाज जरूरी होता है।
आम व्यक्ति लिवर की देखभाल किस प्रकार कर सकता है?
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हों।
- तले हुए और अधिक तेलयुक्त खाने से बचें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- वजन को नियंत्रित रखें।
- शराब और नशीले पदार्थों से दूर रहें।
- समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं, खासकर यदि कोई लक्षण दिखें।
क्या लिवर की बीमारियाँ शुरुआती चरण में पहचानी जा सकती हैं?
हां, अगर लक्षणों को नजरअंदाज न किया जाए तो शुरुआती चरण में इन बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। जैसे थकान, पाचन में समस्या, भूख की कमी, पेट में सूजन या आंखों का पीलापन आदि लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर जाँच और इलाज से गंभीर स्थितियों से बचा जा सकता है।
विश्व लिवर दिवस जैसे जागरूकता अभियानों का क्या महत्व है?
इस प्रकार के दिवस का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना है। जब लोग लिवर की भूमिका, उसकी बीमारियों और देखभाल के तरीकों के बारे में जानेंगे, तो वे समय रहते कदम उठाएंगे। इससे लिवर रोगों की रोकथाम और समय पर इलाज संभव हो सकेगा। सामाजिक जागरूकता किसी भी बीमारी से लड़ने का पहला और सबसे प्रभावी हथियार है।
पाठकों को आप और क्या संदेश देना चाहेंगे?
मेरा सभी से यही आग्रह है कि लिवर की अनदेखी न करें। छोटी-छोटी आदतें, जैसे स्वस्थ खान-पान, व्यायाम, नशे से दूरी और नियमित जांच, आपके लिवर को लंबी उम्र तक स्वस्थ बनाए रख सकती हैं। अगर कोई भी लक्षण नजर आएं, तो बिना देरी के डॉक्टर से मिलें।… स्वस्थ लिवर, स्वस्थ जीवन।