एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड की सुपर एक्ट्रेस कंगना रनौत बेहद गुस्से में हैं। गुस्सा है बॉलिवुड के उन लोगों पर जिन्होंने कंगना को अपने खेमे से बाहर कर दिया है। यह क्वीन गुस्सा है… उन लोगों से जो कभी कंगना की किसी फिल्म की तारीफ नहीं करते। झांसी की रानी का किरदार भले कंगना ने परदे के लिए निभाया हो, लेकिन कंगना पर उस मर्दानी ने अपनी छाप छोड़ दिया है। वह कहती है कि उसके अंदर भी राजपूतों का खून दौड़ता है।
अगर वह पावरफुल है… तो दबंगता से कहती हैं, ‘हूं मैं पावरफुल और जो कर रही हूं, वह डिजर्व करती हूं।’ बार-बार सवालों के घेरे में खड़ी बॉलिवुड की मर्दानी बेहद खूंखार हो गई है। वह फिलहाल दांत भींचकर, गुस्से में तिलमिलाकर अपना जहर खुद गटक रही है। क्योंकि वक्त आने पर इसी गुस्से के तीखे जहर से वह बॉलिवुड वालों पर अगला प्रहार करेगी।
वह कहती हैं, ‘अभिनय के मामले में बॉलिवुड वाले मुझे क्या सपॉर्ट करेंगे। मैं 3 से 4 नैशनल अवॉर्ड लेकर बैठी हूं।’ कंगना की यह दहाड़ कोरी नहीं लगती। कंगना की बातों को सुनकर ऐसा लगता है कि वह घायल शेरनी की अवस्था में हैं, अब बस अपनी बारी का इंतजार कर रही है। आज मुंबई में छोटे बच्चों के लिए आयोजित फिल्म मणिकर्णिका की स्क्रीनिंग के दौरान मीडिया से हुई बातचीत में कंगना ने मीडिया से सवाल पर सवाल पूछे और अपने दुश्मनों पर तीखे प्रहार भी किए।
फिल्म को लेकर खूब विवाद हो रहे हैं, फिल्म की टीम आपस में दोषारोपण कर रही!
हमने फिल्म की पब्लिसिटी के लिए किसी भी तरह का कोई गलत चीजों का इस्तेमाल नहीं किया है। हाल ही में उमा भारती जी ने फिल्म की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया में बहुत अच्छा लिखा है, वह चाहती हैं हम फिल्म का अगला भाग भी बनाएं। इस फिल्म को देखने के बाद हमें भी इज्जत मिल रही है।
तो फिर यह बवाल क्यों, आपसी रंजिश क्यों ?
जब किसी चीज या फिल्म को सफलता मिलती है तो जलने वाले लोग भी होते हैं, जलने वाले तो आपके पड़ोस में भी चार लोग होते हैं। यह तो मानव का व्यवहार है, इन जलनभरी बातों को ध्यान न देकर, हमें इस फिल्म को अभी और भी लोगों तक पहुंचना है, हमारे लिए अभी सबसे जरूरी बात यही है।
मिष्टी और डायरेक्टर कृष ने आप पर कई आरोप लगाए हैं?
इसपर कंगना गुस्से में तिलमिला गईं और मीडिया पर ही सवालों की बारिश करते हुए पूछा – मिष्टी चक्रबर्ती और डायरेक्टर कृष का नाम ही इस फिल्म से जुड़ने के बाद हुआ है। इन लोगों का नाम ही इस फिल्म से हुआ है। इन्हें तो फिल्म मणिकर्णिका का आभार मानना चाहिए, लेकिन जिनको आभार नहीं मानना उनका तो कुछ हो ही नहीं सकता है। ऐसे लोगों का तो भगवान श्रीरामजी कुछ नहीं कर पाए थे, तो हम क्या करेंगे? जो लोग नहीं सुधरने वाले वह कभी नहीं सुधरेंगे। क्या आपने कभी इस फिल्म के पहले इन दोनों का नाम सुना है?
कंगना बताती हैं, ‘मैंने इस फिल्म में निर्देशन करने का एक भी पैसा नहीं लिया है। अपनी जिंदगी का पूरा एकसाल दिया और 2 फिल्में छोड़ दीं। जो 2 फिल्में मैंने छोड़ी हैं, उनका तो कॉन्ट्रैक्ट ही 20 करोड़ से ज्यादा का था।’
कंगना सवाल करते हुए कहती हैं, ‘आप लोग उनके बारे में सवाल पूछिए और बात करिए, जिन्होंने इस फिल्म को अपना वक्त दिया है। क्या आप लोगों को गीतकार प्रसून जोशी, संगीत निर्देशक शंकर एहसान लॉय और पहली बार ज़ी स्टूडियों ने इतना ज्यादा पैसा लगाकर इतनी बड़ी फिल्म बनाई उनका नाम नहीं याद आता क्या? आप लोग तो जिसका नाम नहीं है, उनका नाम बना रहे हैं।’
फिल्म इंडस्ट्री वाले तो आपकी फिल्म के बारे में कोई बात नहीं कर रहे हैं, जबकि इन दिनों तो सब एक-दूसरे की फिल्म का प्रमोशन करते हैं?
दहाड़ती हुई कंगना कहती हैं, ‘इन लोगों द्वारा मेरी फिल्म के प्रमोशन करने से मुझे क्या फायदा होगा? मुझे तो पहले से ही तीन से चार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। मैं आज 31 साल की उम्र में एक फिल्म मेकर हूं। मुझे यह लोग क्या प्रमोट करेंगे।’
फिल्म इंडस्ट्री के लोग क्यों डर रहे हैं? क्यों खिसिया रहे हैं?
‘यह लोग खुद को ही प्रमोट कर लें तो बहुत बड़ी बात होगी, लेकिन जो रानी ऑफ झांसी हैं, क्या वह मेरी चाची हैं? वह आपकी भी इतनी ही हैं, जितनी मेरी हैं। तो फिर यह लोग क्यों डर रहे हैं? क्यों खिसिया रहे हैं? क्या इन लोगों के डर और खिसयाने की वजह यह है कि मैंने नेपोटिजम पर बोला था? मैंने बोला और इन सबकी हवाइंया उड़ गई।’
सब लोग गैंग बनाकर बैठे हुए हैं कि नेपोटिजम के बारे में इसने क्यों बोला? यह सब लोग इकट्ठे हो गए हैं
‘यह सब लोग गैंग बनाकर बैठे हुए हैं कि नेपोटिजम के बारे में इसने क्यों बोला? यह सब लोग इकट्ठे हो गए हैं। अब यहां बच्चे हैं तो मैं उनकी भाषा का ही इस्तेमाल करूंगी। मेरे साथ फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोग ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, जैसे एक 60 बच्चों की क्लासरूम हो और 1 बच्चे के खिलाफ 59 बच्चे अड़ जाएं, उसे किसी न किसी तरह बार-बार सताएं और परेशान करें, ऐसे में कैसा महसूस करेंगे आप?’ मुझे तो इन लोगों के साथ काम ही नहीं करना है
‘शर्म नहीं आती इन लोगों को। कोई-कोई तो मेरे दादा की उम्र के हैं और मेरे पीछे इतनी बुरी तरह पड़े हुए हैं। मुझे तो इन लोगों के साथ काम ही नहीं करना है। यह बात तो मैं उनके मुंह पर कहती हूं।’ मैं इन बॉलिवुड वालों की वॉट लगा दूंगी। अब मैं एक-एक को एक्सपोस करूंगी
‘बॉलिवुड जिस तरह से खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है और यह सब गलत हरकत कर रहा है, मैं इन लोगों को यहां-वहां फॉल ऑउट करती रहती थी, जैसे सेक्सिज्म हो या नेपोटिजम हो या फीस की समानता हो, लेकिन अब तो मैं इन लोगों में एक-एक के पीछे पड़ जाऊंगी और मैं इन बॉलिवुड वालों की वाट लगा दूंगी। अब मैं एक-एक को एक्सपोस करूंगी और मैं यह विश्वास दिलाती हूं यह सब लोग मुश्किल में पड़ेंगे’
कंगना ने बच्चों के लिए आयोजित स्क्रीनिंग के बारे में कहा, ‘फिल्म को लगातार सफलता मिल रही है, आज हमने बच्चों के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग आयोजित की है। मेरी हमेशा से यह सोच रही है कि जब मैं कभी फिल्म का निर्देशन करूं तो बच्चों को दिखाऊं। बच्चे देश का फॉउंडेशन हैं, इसलिए बच्चों को देश का इतिहास बताने की जरूरत है।’
वह आगे कहती हैं, ‘हमने फिल्म में इतिहास के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं की है। बहुत सोच-समझ कर फिल्म में सब कुछ दिखाया गया है। आज अगर किसी भी तरह की छेड़-छाड़ एतिहासिक किरदारों से की जाए तो लोग आवाज उठाते हैं। इसलिए हमने सभी बातों का ध्यान रखा है।’।