नई दिल्ली। ईवीएम पर कमल (चुनाव चिह्न) के नीचे भाजपा का नाम लिखे होने पर विपक्ष दलों ने आपत्ति जताई। शनिवार को कांग्रेस, तृणमूल और अन्य दलों के नेता इस मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मिले। विपक्ष का आरोप है कि बंगाल के बैरकपुर संसदीय क्षेत्र में मॉक ड्रिल के दौरान मशीन पर सिर्फ कमल के नीचे भाजपा लिखा हुआ था। बाकी किसी दल का नाम चिह्न के साथ मौजूद नहीं था। इस पर आयोग ने साफ किया है कि मशीनों पर भाजपा का चिह्न आखिरी बार 2013 में अपडेट हुआ था। तब से कोई बदलाव नहीं किया गया।
विपक्ष नेताओं में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी, अहमद पटेल, तृणमूल के दिनेश त्रिवेदी, डेरेक ओ ब्रायन शामिल थे। मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद सिंघवी ने कहा कि ईवीएम पर चिह्न के स्थान पर सिर्फ भाजपा लिखा नजर आ रहा था। दूसरी किसी पार्टी का नाम तक नहीं था। ऐसी सभी ईवीएम लोकसभा चुनाव के बाकी चरण से हटाई जाएं या दूसरी पार्टियों के चिह्न भी शामिल किए जाएं। तब तक इन मशीनों का इस्तेमाल रोक दिया जाए।
ये जनता के साथ धोखा: त्रिवेदी
बैरकपुर सीट से तृणमूल प्रत्याशी दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि यह साफ तौर पर लोगों के साथ धोखा और ईवीएम को हैक करने की कोशिश है। शुक्रवार को अधिकारी ईवीएम लेकर मेरे चुनाव क्षेत्र में गए थे। हमने देखा कि कमल निशान के नीचे भाजपा का नाम लिखा था। हमारी कार्यकर्ताओं ने राज्य के चुनाव अधिकारियों के सामने इस पर आपत्ति जताई, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
2013 के बाद कोई बदलाब नहीं किया- चुनाव आयोग
विपक्ष की आपत्ति पर चुनाव आयोग ने कहा है कि भाजपा का चिह्न आखिरी बार 2013 में अपडेट किया गया था। तब से अब तक हुए चुनावों में यह वैसा ही है। फिलहाल, ईवीएम में पार्टियों के चुनाव चिह्न के साथ उम्मीदवारों के नाम और फोटो शामिल होते हैं।