बिजनेस डेस्क। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) आर्सेलरमित्तल को एस्सार स्टील को खरीदने के लिए 42,000 करोड़ रुपए अलग जमा कराने को कह सकता है। एस्सार स्टील पर बैंकों का 49,000 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। इसे कर्ज देने वाले बैंकों की समिति ने पिछले साल 26 अक्टूबर को आर्सेलरमित्तल को सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में चुना था। इसने 42,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
एस्सार स्टील दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है
1.जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच ने आर्सेलरमित्तल से इस बात का एफिडेविट दाखिल करने के लिए कहा कि कर्ज में डूबी में एस्सार स्टील के रेजोल्यूशन प्लान को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
2.एनसीएलएटी ने एस्सार स्टील के कर्जदाताओं को उनके दावों की जानकारी पेश करने के लिए कहा है जो रेजोल्यूशन प्रोफेशनल और क्रेडिटर्स ऑफ कंपनी ने मंजूर किए हैं।
3.एनसीएलएटी ने मंगलवार को एस्सार स्टील के ऑपरेशनल कर्जदाताओं, गुजरात टैक्स विभाग और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की। आर्सेलरमित्तल के प्रस्ताव में एस्सार स्टील के फाइनेंशियल कर्जदाताओं को उनके कुल बकाया 49,395 रुपए में से 41,987 रुपए मिलेंगे। जबकि ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को उनके कुल 4,976 करोड़ रुपए में से सिर्फ 214 करोड़ मिलेंगे। एस्सार स्टील उन 12 शुरुआती मामलों में शामिल है जिन्हें आरबीआई ने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (आईबीसी) के तहत समाधान के लिए चुना था।