- प्रवासी पक्षियों की दुनियां को नजदीक से देखने स्कूली बच्चों सहित जुटे शहर के सैकड़ों लोग
- वन विभाग ने एफमेक व इन्क्रेडिबल इंडिया फॉउंडेशन के सहयोग से आयोजित किये कार्यक्रम
आगरा। प्रकृति से नजदीकी का एहसास लोगों को रोमांचित कर देने वाला पक्षियों की अद्भुत दुनियां का खूबसूरत नज़ारा आगरा दिल्ली-नेशनल हाइवे पर 800 हेक्टेयर में फैला घने जंगल के बीच में 110 हेक्टेयर में कीठम झील। कीठम के सूर सरोवर पक्षी विहार में प्रवासी पक्षियों का संसार इसी वेटलैंड पर बसा हुआ है।
नेचर वॉक के साथ हुई कार्यक्रम की शुरुआत
पेलिकन, बार हेडेड गूज, फ्लेमिंगों, नार्दन पिनटेल, कॉमन सैंडपाइपर, कारमोरेंट कई प्रजातियों के पक्षी कीठम झील के छोटे-छोटे टापुओं के किनारे अठखेलियां करते दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की इस दुनिया को लोगों ने बर्ड फेस्टिवल के मौके पर वन विभाग ने एफमेक व इन्क्रेडिबल इंडिया फॉउंडेशन के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में देखा। शनिवार को प्रातः अंतर्राष्ट्रीय वेटलैंड दिवस पर पहली बार सूर सरोवर पक्षी विहार, कीठम में सुबह नेचर वॉक के जरिए कार्यक्रम की शुरुआत हुई, बर्ड फेस्टिवल में स्कूली बच्चों के साथ पक्षी प्रेमियों को प्रवासी पक्षियों की बारे में आयोजकों द्वारा बताया गया।
घने कोहरे के बाद भी पहुंचे सैकड़ों लोग
राष्ट्रीय चंबल सेंक्चुरी प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित बर्ड फेस्टिवल में दयालबाग एजूकेशनल इंस्टीट्यूट तथा इंटर कालेज के बच्चों को पेलिकन समेत अन्य पक्षियों को दिखाकर इनके बारे में समझाया गया। ठण्ड और घने कोहरे के बाद भी सुबह बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे।
नेचर वॉक के बाद बर्ड फेस्टिवल का उद्घाटन राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चेयरमैन एवं सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने किया। इस दौरान उन्होंने अपने उद्बोधन में पशु-पक्षियों के मानव जीवन में महत्व पर प्रकाश डाला। बर्ड फेस्टिवल में आयोजित फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रातः सामाजिक वानिकी के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एके सिंह ने किया। उन्होंने आयोजन के उद्देश्य से लोगों को अवगत कराया। मुख्य वन संरक्षक, पश्चिमी जोन सुनील चौधरी ने कहा कि केवल पक्षी ही नहीं, बल्कि वेटलैंड भी बचाए जाएं, तभी पक्षियों का प्रवास स्थल बचा रहेगा। आगरा में कीठम और चंबल सेंक्चुरी साइट को विकसित करने की जरूरत है।
एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि पर्यावरण बचेगा तो जीवन बचेगा। रेंजर केएन सुधीर ने स्कूली बच्चों को पक्षियों को बचाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान वृद्धाश्रम की महिलाओं को कंबल वितरित किए और सूर स्मारक विद्यालय के छात्रों को उपहार भी दिए गए।
मुख्य रूप से ये रहे मौजूद
वर्ड फेस्टिवल के मौके पर राष्ट्रीय चंबल सेंक्चुरी प्रोजेक्ट के उपवन संरक्षक आनंद कुमार, एफमेक के अध्यक्ष पूरन डावर, क्षेत्रीय वन अधिकारी अनिल कुमार सिंह, अमित सिंह, डीईआई के प्रो. संत प्रकाश, इनक्रेडिबल इंडिया फॉउंडेशन के सचिव अजय शर्मा, संयोजक ब्रजेश शर्मा आदि मौजूद रहे।
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