कैलिफॉर्निया. जनवरी-मार्च तिमाही में फेसबुक ने 2.2 अरब फर्जी अकाउंट डिलीट करे है। यह अब तक का रिकॉर्ड है।कंपनी ने इससे पहले की तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 1.2 अरब फर्जी खाते हटाए थे। दुनियाभर में फेसबुक के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या 2.38 अरब है। ऐसे में 2.2 अरब खाते हटाना बड़ा कदम है। डेटा शेयरिंग और फेक अकाउंट्स को लेकर कई देशों में फेसबुक की निंदा हो रही है। कई सरकारों ने उसके खिलाफ कार्रवाई भी की है। फेसबुक ने तीसरी कम्युनिटी स्टैंडर्ड रिपोर्ट में फर्जी खातों पर कार्रवाई की जानकारी भी दी है। कंपनी के मुताबिक- अब यह रिपोर्ट साल में 4 बार जारी करी जाएगी। इंस्टाग्राम को लेकर भी इसी तरह की रिपोर्ट जारी करी जाएगी।
जकरबर्ग ने फेसबुक को छोटी-छोटी कंपनियों में बांटने की मांग खारिज करी। फेसबुक के सीईओ जकरबर्ग का ने बताया है कि कंपनी को बांटने से उन समस्याओं का हल नहीं हो पायेगा, जो इस समय सोशल मीडिया के सामने चुनौती बनी हुई हैं। उनका मना है कि कंपनी सफल है, इसी वजह से यूजर्स की सुरक्षा और सुविधा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। फर्जी खातों, आपत्तिजनक कंटेंट को खत्म करना प्राथमिकताओं में शामिल है।
सीईओ जकरबर्ग ने मुताबिक- यूजर्स की सुविधा और सुरक्षा के लिए आर्टफिशियल इंटेलीजेंस लागू करेंगे। एक स्वायत्त बोर्ड भी बनाया जा रहा है जो कोर्ट की तरह लोगों की समस्याओं का समाधान करेगा। उसका फैसला अंतिम माना जाएगा। जकरबर्ग का कहना है कि सोशल मीडिया की सबसे बड़ी कंपनी आज भी गूगल है। यूजर्स की शिकायतों के समाधान के लिए व्हाइट हाउस की तरफ से वेबसाइट लॉन्च करने के सवाल पर जकरबर्ग का कहना है कि वह लोगों की निजता का सम्मान करते हैं और इसके लिए एडवाइजरी बोर्ड का गठन करने जा रहे हैं।
फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट जस्टिन ओसॉफस्की मुताबिक हेट स्पीच से निबटना इस समय सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। अभी तक कंपनी ऐसा कोई सिस्टम नहीं बना सकी है, जिससे इस तरह के कंटेंट पर रोक लग सके। लेकिन पायलट प्रोग्राम चलाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत हेट स्पीच का रिव्यू करवाया जाएगा। यूजर्स डेटा अवैध तरीके से लीक होने का मामले में न्यूयार्क की अटॉर्नी जनरल ने फेसबुक पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कंपनी के खिलाफ यह तीसरी जांच है। कनाडा और आयरिश सरकार ने भी डेटा लीक मामले की जांच का ऐलान किया है।