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पीएम मोदी की बद्रीनाथ दर्शन की कवरेज, आचार संहिता का उल्लंघन: तृणमूल कांग्रेस

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  • मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद केदारनाथ की, ये चौथी यात्रा
  • उन्होंने कहा- आपदा के बाद यहां सुधार आया, अब लोग सोचेंगे कि छुट्टियों में सिंगापुर-दुबई की जगह केदारनाथ चलें

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भगवान बद्रीनाथ की पूजा-अर्चना की। इससे पहले वे करीब 17 घंटे बाद केदारनाथ की गुफा से बाहर निकले। मंदिर में भगवान शिव की दूसरी बार पूजा की। उन्होंने कहा कि कल गुफा में रहने के दौरान बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा रहा। सिर्फ अपने में रहा। इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मोदी की यात्रा के कवरेज को आचार संहिता का उल्लंघन बताया।

शनिवार को मोदी केदारनाथ पहुंचे थे। यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के बाद केदार धाम में विकास कार्यों का जायजा लिया था। कल दोपहर में वे 2 किमी की चढ़ाई कर गुफा में ध्यान लगाने के लिए गए थे।

‘केदारनाथ के लिए कुछ करने का मौका मिला’
मोदी ने कहा, ‘‘यहां आने का मुझे कई वर्षों से अवसर मिलता रहा है। इन दिनों केदारनाथ बार-बार आने का मौका मिलता है। यहां जो आपदा आई और उस समय मैं यहां पहुंचा था। दिल में एक कसक थी कि कुछ करना चाहिए। गुजरात में रहते हुए अपनी तरह से कुछ करता रहता था। इसके बाद प्रधानमंत्री बना। उत्तराखंड में भी अपने अनूकुल सरकार मिली। वैसे तो यहां 3-4 महीनों से ज्यादा काम करने का मौका नहीं मिलता। बर्फ 50 फीट से ऊपर चली जाती है। तापमान भी काफी गिर जाता है।’’

‘वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लेता रहता हूं केदारनाथ की जानकारी’
प्रधानमंत्री के मुताबिक, ‘‘इस धरती से मेरा एक विशेष नाता भी रहा है। कल से मैं यहां हूं, दो दिन एक गुफा में रहने चला गया था। एकांत अवसर बहुत लंबे अरसे के बाद मिला। सामने ही 24 घंटे बाबा के दर्शन हो सकते हैं, ऐसी गुफा है। वहां एक छोटा छेद किया गया है, वहां से बाबा के दर्शन कर सकता हूं। तो मैं वर्तमान के भारत की स्थिति से बाहर था। कोई कम्युनिकेशन नहीं रखा था।’’

‘‘मेरा यहां जो विकास का लक्ष्य है, वो प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ा है। लेकिन जो आस्था और श्रद्धा है, उसे हम आगे संभालने के लिए और क्या कर सकते हैं। हम आध्यात्मिक चेतना तो नहीं बढ़ा सकते। लेकिन कुछ अन्य सुविधाओं पर तो काम कर ही सकते हैं। मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से यहां की जानकारी लेता रहता हूं। मुझे एक अच्छी टीम मिली है काम करने के लिए। मई-जून के चुनाव तो अपने आप में कठिन होते हैं। उसके बावजूद भी आप लोग समय निकालकर यहां पहुंचे। आपके माध्यम से उत्तराखंड और केदारनाथ को काफी लाभ पहुंचेगा। लोगों में विश्वास बैठेगा कि केदारनाथ में आपदा के बाद स्थिति में काफी सुधार हुआ है। लोग यहां आएंगे। वह सोचेंगे कि छुट्टियों में सिंगापुर और दुबई की जगह केदारनाथ चला जाए।’’

‘यात्रा का कवरेज आचार संहिता का उल्लंघन’
तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखा है, ‘‘लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त हो गया, हैरानी की बात है कि नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा बीते दो दिनों से मीडिया द्वारा व्यापक रूप से कवर की जा रही है। यह आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है।’’

5 साल केदारनाथ में रहे थे मोदी

मुख्यधारा की राजनीति में आने के पहले मोदी ने 5 साल एक वैरागी के रूप में बिताए थे। 1985 से 1990 के बीच मोदी ने केदारनाथ के गरुड़चट्टी में साधना की थी।

चौथी बार केदारनाथ पहुंचे

मोदी पिछले साल नवंबर में भी केदारनाथ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जवानों के साथ दिवाली भी मनाई थी। 2017 में भी दो बार (मई और अक्टूबर) वे केदारनाथ पहुंचे थे।

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