नई दिल्ली। अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने लोक-लुभावन घोषणाएं करके ग्रामीण और किसानों को अपने पाले में लाने की कवायद की है। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने अपना छठा और आखिरी बजट पेश करते हुए किसानों, मजदूरों और ग्रामीणों के साथ ही मध्यवर्ग के लिए राहतों की बौछार की है। अंतरिम बजट के जरिए मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019 का एजेंडा सेट करने की पूरी कोशिश की है। किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए जहां 6 हजार रुपये हर साल देने का ऐलान किया तो वहीं मजदूरों को कम से कम 3000 रुपये पेंशन देने की घोषणा की। इसके साथ ही आयकर की सीमा बढ़ाने के साथ ही ग्रेच्युटी की सीमा भी दोगुनी कर नौकरीपेशा करने वाले लोगों को भी राहत देने का प्रयास किया है।
- किसानों और ग्रामीमों के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमले करते रहे हैं विपक्षी दल
- दिल्ली से लेकर यूपी और महाराष्ट्र तक की सरकारें झेल चुकी हैं किसान आंदोलन की तपिश
दरअसल विपक्ष खासकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों और ग्रामीमों के मुद्दे पर मोदी सरकार को लगातार कठघरे में खड़ा करते रहे हैं. कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफी को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी मात देकर सत्ता पर काबिज हुई है. इस मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले कई विधानसभा चुनाव में ग्रामीण इलाकों की सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा है. इतना ही नहीं हाल के महीनों में दिल्ली से लेकर यूपी और महाराष्ट्र तक की सरकारें किसान आंदोलन की तपिश झेल चुकी हैं.
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को दिल जीतने के लिए ये कदम उठाए हैं. मोदी सरकार ने शुक्रवार को अपना छठा और आखिरी बजट पेश किया. इसके जरिए खासकर किसान और ग्रामीण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश गई है. इस बार ग्रामीण बजट में अच्छी खासी बढ़ोतरी की गई है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर मिडिल क्लास को बड़ी राहत देने का काम किया है. सरकार ने इनकम टैक्स लिमिट को 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपया कर दिया है. इस तरह टैक्स लिमिट को दो गुना कर दिया है. इससे 3 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा. मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले देश के किसानों की नाराजगी दो दूर करने और उन्हें साधने का बड़ा दांव चला है. मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देने का ऐलान किया, जो तीन किश्तों में 2 हजार-2 हजार हर चार महीने में सीधे एकाउंट में जरिए दिए जाएंगे. देश के 12 करोड़ किसान परिवारों को इसका लाभ मिलेगा. इससे सरकार पर कुल 75 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा. 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा. मजदूरों को साधने की दिशा में भी सरकार ने कदम बढ़ाया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में कामगारों के लिए न्यू पेंशन स्कीम शुरू करने का ऐलान किया. संगठित क्षेत्र में काम करने वाले और महीने में 21 हजार रुपए कमाने वाले लोगों को 7 हजार रुपए सालाना बोनस दिया जाएगा. इसके अलावा 60 साल से ज्यादा उम्र वाले मजदूरों को हर महीने 3000 रुपए का पेंशन दी जाएगी. 10 करोड़ मजदूर इस पेंशन योजना के तहत आएंगे.
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से गाय एक बड़ा मुद्दा रहा है. सरकार ने गाय पालन को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में गाय को विशेष महत्व दी है. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 750 करोड़ रुपये. सरकार ने राष्ट्रीय कामधेनु योजना का ऐलान. इसके साथ ही सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 प्रतिशत की छूट दी है. बजट में मनरेगा में 60000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है. पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी कोशिश है कि गांव की आत्मा को बरकरार रखते हुए वहां भी शहरों जैसी सुविधाएं मिले. इसके लिए हम प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जरिए गांव को शहर से जोडऩे का काम किया है.
सरकार ने कर्मचारियों के साधने के लिए उनकी ग्रेच्युटी के दायरे को बढ़ाने का ऐलान किया. ग्रेच्युटी का भुगतान 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है. इससे अब नौकरी करने वाले लोगों को ग्रेच्युटी की रकम ज्यादा मिलेगी. मोदी सरकार ने बजट में ऐलान किया है कि श्रमिक की मौत पर अब 2.5 लाख रुपये की बजाय 6 लाख रुपये मुआवाजा दिया जाएगा. गांव को विकास के साथ जोडऩे पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास योजना को विशेष महत्व दिया है. उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल गांव बनाए जाने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घर खरीदने वालों के लिए जीएसटी घटाने पर विचार हो रहा है. जीएसटी काउंसिल इस पर विचार कर रही है और जल्द फैसला किया जाएगा.