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मोदी के अधूरे वादों को चुनाव-प्रचार में कांग्रेस बनाएगी मुद्दा

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नई दिल्ली। जल्द ही लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होने वाला है ऐसे में सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए अपनी-अपनी रणनीति बना चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रचार अभियान अगले माह मार्च से शुरू करेगी। पार्टी मार्च माह के पहले हफ्ते से चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत करेगी।

माना जा रहा है कि पार्टी मोदी सरकार द्वारा जो चुनावी वादे पूरे नहीं किए गए हैं उसे चुनाव प्रचार में मुख्य मुद्दा बनाएगी। पार्टी के तमाम शीर्ष नेता भाजपा के वादा और धोखा को लोगों के सामने रखेंगे। चुनाव प्रचार की रणनीति पर पिछले वर्ष अक्टूबर माह से ही मंथन शुरू हो गया है।
तमाम कंपनियों से करार पार्टी के लिए चुनाव प्रचार अभियान की रणनीति को लेकर लियो बर्नेट, निक्सन, एफसीबी-उल्का, पर्सेप्ट, डिजाइन बॉक्स्ड और क्रेयॉन्स ने अपनी कई प्रेजेंटेशन पहले ही दी है। कांग्रेस पार्टी इन तमाम फर्म के साथ पहले भी काम कर चुकी है।


2004 में कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी के ईर्द गिर्द अपना चुनाव प्रचार किया था और एनडीए के इंडिया शाइनिंग पर जमकर हमला बोला था, पार्टी के लिए इस रणनीति को लियो बर्नेट ने तैयार किया था। जबकि 2014 में जापान की कंपनी डेंटसू इंडि ने पार्टी का चुनाव अभियान संभाला था, इसके लिए उसे 500 करोड़ रुपए का कॉट्रैक्ट किया गया था।

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए सात टैगलाइन का चुनाव किया गया है। जिसमे मुख्य रूप से इन टैगलाइन का इस्तेमाल किया जाएगा। बंदे में है दम, साथ चलेंगे हम अब इस बार सोच समझ के बहुत हुआ जुमलो की मार, आओ बदलें मोदी सरकार

अहम नेताओं के सामने प्रेजेंटेशन तमाम कंपनियों ने जनवरी 30-31 के बीच अपना प्रेजेंटेशन पार्टी की कोर कमेटी के सामने दिया था, जिसकी अध्यक्षता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल शामिल थे। इसके बाद प्रचार कमिटी के सदस्य, राज्य प्रचार कमिटी के चेयरपर्सन की बैठक सोमवार और मंगलवार को हुई थी जिसमे टैगलाइन को और बेहतर करने को लेकर चर्चा की गई।

युवा मतदाता पर नजर कांग्रेस मुख्य रूप से इस बार पहली बार वोट करने वाले 130 मिलियन नए मतदाताओं पर नजर रख रही है , जबकि इस 110 मिलियन मतदाता दूसरी बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, उनपर भी पार्टी की नजर है। बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में कुल 900 मिलियन मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

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