Home Interview होम्योपैथी से सम्भव है हर मर्ज का इलाज: डॉ. अजय त्रिवेदी

होम्योपैथी से सम्भव है हर मर्ज का इलाज: डॉ. अजय त्रिवेदी

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चिकित्सा के पेशे में मेरा उद्देश्य महज पैसा कमाना नहीं है मेरी कोशिश है आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना ताकि इलाज के अभाव में किसी भी व्यक्ति की असमय मौत न हो। कुछ ऐसी ही असाधारण सोच है इटावा के पास गाँव महेवा में 4 सितम्बर 1988 को जन्मे पिता श्री अशोक कुमार त्रिवेदी और माँ श्रीमती रेखा त्रिवेदी के बेटे होम्योपैथी के कॉस्मेटिक फिजीशियन डॉ. अजय त्रिवेदी की। छोटी सी उम्र में बेस्ट होम्योपैथिक के रूप आगरा में पहचान बना चुके डॉ. त्रिवेदी कहते हैं कि होम्योपैथी के जरिये कैंसर, रीनल फेलियर, गठिया और गुर्दे की पथरी जैसे जटिल रोगों का इलाज सम्भव है। होम्योपैथी इलाज की सभी पैथियों की तुलना में किफायती और सरल है। टीबीआई 9 के अजय शर्मा से उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बात की, जिसमें चिकित्सा जगत और उनकी निजी जिन्दगी से जुड़े कई अनकहे पहलु हमारे सामने आये…

सबसे पहले फैमिली बैकग्राउंड के बारे में जानना चाहेंगे?

पिताजी गवर्मेंट जॉब में है वर्तमान में फिरोजाबाद विकास प्राधिकरण में कार्यरत हैं। परिवार में सभी नौकरी पेशा हैं सिर्फ मैं अलग मेडिकल प्रोफेशन में हूँ, एक मुझसे छोटा भाई है जोकि मार्वल का बिजनेस करता है। 14 फरवरी 2016 को मेरी शादी कीर्ति त्रिवेदी से हुई जोकि लखीमपुर में एक गवर्मेंट स्कूल में टीचर हैं।

डॉक्टर बनने की प्रेरणा आपको किससे मिली ?

मेरे पिताजी की ख्वाइश थी कि मैं डॉक्टर बनूं उनकी ही प्रेरणा से मैंने डॉक्टर का प्रोफेशन चुना।

क्या ऐसी कोई घटना रही जिससे पिताजी को लगा फैमिली में एक बच्चे को डॉक्टर बनना है ?

असल में हम इटावा के एक छोटे से गाँव से ब्लोंग करते हैं जहाँ मेडिकल सुविधाओं का बड़ा आभाव था। उस वक्त जब हमारे दादाजी बीमार होते थे तब उनके इलाज के लिए हम लोगों को बड़ा संघर्ष करना पड़ता था, इस वजह से पिताजी को लगा कि परिवार में मुझे अपने एक बच्चे को डॉक्टर बनाना है।

आज एलोपैथी सर्वाधिक प्रचलित पद्धति है बावजूद इसके आपने होम्योपैथी को क्यों चुना ?

देखिये एलोपैथी से इलाज काफी महंगा है इसलिए हर आदमी इसको अफोर्ड नहीं कर सकता, दूसरी बात एलोपैथी में कुछ बीमारी ऐसी हैं जिनमें इलाज के लिए सीधे ऑपरेशन करना पड़ता है जबकि इसके विपरीत होम्योपैथी में हर बीमारी का किफायती और सरल तरीके से दवाओं से इलाज किया जा सकता है। महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि होम्योपैथी इलाज से किसी प्रकार के कोई साइडइफेक्ट भी नहीं हैं, इन सभी बातों ने मुझे होम्योपैथी का स्पेशलिस्ट बनने के लिए आकर्षित किया।

होम्योपैथी में और क्या ख़ास है जो अन्य पद्धति से बेहतर है?

देखिये जैसा कि मैंने अभी बताया कि होम्योपैथी में हर बीमारी का किफायती और सरल तरीके से इलाज संभव है। हम देखते हैं कि छोटे बच्चे अक्सर एलोपैथी के सीरप, इंजेक्शन और टेबलेट से घबराये रहते हैं। माता-पिता को भी बड़ा कष्ट रहता है तो होम्योपैथी में एक अच्छाई यह भी है कि ये मीठी गोलियां बच्चे आराम से लेते हैं और जल्द ही ठीक हो जाते हैं।

इस प्रोफेशन में आपको सबसे अच्छी बात क्या लगती है ?

इस प्रोफेशन सबसे अच्छी बात है कि हमें पीडि़त लोगों की सेवा करने का अवसर मिलता है, जिससे हमें सेवा का आत्मीय संतोष प्राप्त होता है।

इस प्रोफेशन में आपका लक्ष्य क्या है?

एक ही लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों को हम अपनी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें ताकि इलाज के अभाव में किसी की असमय मृत्यु न हो। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पहुंच में स्वास्थ्य सेवाएं हों, सदैव यही मेरा प्रयास है।

आप जीवन में प्राप्त सफलताओं का श्रेय किसे देना चाहेंगे?

इसका श्रेय में अपने माता-पिता को देना चाहूँगा, उन्होंने काफी संघर्ष करके हमको पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया।

लाइफ का कोई यादगार लम्हा जिसे आप ख़ास तौर से शेयर करना चाहें?

ईश्वर की कृपा और मां -पिताजी के आशीर्वाद से लाइफ का हर लम्हा यादगार और खुशियाँ देने वाला रहा है।

हेल्थ को लेकर आज लोग कितने सजग है क्या कहना चाहेंगे?

हेल्थ को लेकर आज समाज का शिक्षित वर्ग थोड़ा सजग नजर आता है लेकिन समाज का अशिक्षित वर्ग बिल्कुल भी सजग नहीं है उनको अपने स्वास्थ्य के प्रति गम्भीर होना अति महत्वपूर्ण है।

आज डॉक्टर और पेसेट्स के बीच विश्वसनियता लगातार कम हो रही है इसकी मुख्य वजह क्या है?

मेडिकल प्रोफेशन में लगातार प्रोफेशन्लिज्म हावी हो रही है। डॉक्टर्स के अंदर मानवता का स्तर लगातार गिर रहा है यही वजह है कि डॉक्टर और पेसेट्स के बीच विश्वसनियता कम हुई है।

बीती जिंदगी का स्क्रीनप्ले चेंज करने का मौका मिले तो क्या बदलना चाहेंगे?

एक बार सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त इंसान को मैंने देखा जोकि बुरी तरह जख्मी था उसके बहुत खून बह रहा था मैं उसके पास में रुका, उम्र में उस वक्त बहुत छोटा था  तो यथा संभव जो मदद कर सकता था सो मैंने की लेकिन जिस प्रकार लोग उसे अवॉयड करके जा रहे थे उसे देख मेरा मन बेहद विचलित हुआ। घर पहुंच कर सारी बात मैंने पिताजी को बताई मगर उन्होंने सामान्य रूप से मुझे कहा ऐसे चक्करों में न पड़ो तुम खुद मुश्किल में आ सकते हो। उस पूरी रात मुझे नींद नहीं आई मन बहुत बेचैन रहा अगले दिन मैं गया तो वो इन्सान वही सड़क किनारे मिला। मैंने कोशिश की, पुलिस को इन्फॉर्म किया मगर पुलिस से भी निराशा मिली। मीडिया को इन्फॉर्म किया तब कहीं जाकर पुलिस कुछ सक्रिय हुई आज मुझे फील होता है अगर मैं उस वक्त काबिल होता तो उस इंसान को रात भर तड़पने के लिए वहां नहीं छोड़ता।

कहा जाता है कि हर कामयाब पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है इस बात से आप कितना इत्तिफाक रखते है?

हाँ, निश्चित रूप से मैं इस बात में पूर्णत: यकीन रखता हूँ स्त्री चाहे वो माँ, बहन या फिर पत्नी हो। स्त्री का किसी न किसी रूप में पुरुष की कामयाबी के पीछे अहम् योगदान रहता है।

आप अपनी नेक्स्ट जनरेशन यानि अपने बच्चों का भविष्य क्या इसी प्रोफेशन में देखना चाहेंगे?

निश्चित रूप से मेरी प्राथमिकता रहेगी कि मेरी नेक्स्ट जनरेशन भी इसी प्रोफेशन में आगे बढ़े।

आपकी अपने प्रोफेशन में लीक से हटकर कुछ ख़ास करने की सोच है जोकि आप शेयर करना चाहें?

इस प्रोफेशन में सिर्फ पैसा कमाना मेरा उद्देश्य नहीं है, लीक से हटकर मेरी सोच यह है कि समाज के लिए कुछ ऐसा करूं जोकि आने वाले समय में होम्योपैथी के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो।

होम्योपैथी क्या है थोड़ा विस्तार से बतायें?

होम्योपैथी एक चिकित्सा पद्धति है जिसके जनक डॉ. हेनिमेन थे। हालांकि वे शुरू में एलोपैथी प्रैक्टिस करते थे। उनको एलोपैथी में इलाज का तरीका बहुत पीड़ादायक महसूस होता था, इसी सोच ने उन्हें होम्योपैथी पद्धति की रिसर्च के लिए प्रेरित किया और उनकी रिसर्च एक दिन कामयाब हुई होम्योपैथी का जो सिद्धांत है वह पूरी तरह सरल सहज है जिसका मरीज पर कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता, यह इलाज एलोपैथी की तुलना सस्ता भी है।

जटिल बीमारियों की बात करें तो किन बीमारियों में होम्योपैथी की उपयोगिता महत्वपूर्ण है?

जिन रोगों में एलोपैथी सरेंडर हो जाती है वहां होम्योपैथी कारगर साबित होती है कैंसर, रीनल फेलियर, गठिया और गुर्दे की पथरी जैसे आदि जटिल रोगों में होम्योपैथी की उपयोगिता अति महत्वपूर्ण है।

क्या कोई ऐसा रोग भी है जिसका इलाज सिर्फ होम्योपैथी से मुमकिन है?

गुर्दे की पथरी की बात करें तो एलोपैथी में इसका इलाज सिर्फ ऑपरेशन है जबकि होम्योपैथिक ट्रीटमेंट से बिना ऑपरेशन इसका शत-प्रतिशत इलाज संभव है।

क्या होम्योपैथी से सिर से झड़ते बालों का इलाज संभव है?

हाँ, निश्चित रूप से होम्योपैथी के जरिये सिर के झडऩे वाले बालों को सिर्फ रोका ही नहीं जा सकता बल्कि जिनके बाल काफी हद तक झड़ गये हैं और गंजापन आ गया है उनके बाल इलाज के जरिये फिर से आ सकते है। जिनके पास हेयर ट्रांसप्लांट ही एक विकल्प बचा हो उनके बाल भी होम्योपैथी के इलाज से आ सकते हैं।

आज हर तीसरा आदमी मोटापे की प्रॉब्लम फेस कर रहा है क्या होम्योपैथी के द्वारा इससे निजात मिल सकती है?

देखिये, मोटापा महज एक प्रॉब्लम नहीं, यह एक बीमारी है और मैं तो यह कहूंगा कि मोटापा शरीर के सभी रोगों की जड़ है। जहां तक होम्योपैथी से मोटापे के इलाज की बात है तो यह निश्चित रूप से सम्भव है।लेकिन यह बात ध्यान देने वाली है कि मोटापे को दूर करके के लिए किसी भी पैथी में सिर्फ दवाओं से राहत नहीं मिल सकती इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या, खान-पान और फिजिकली एक्टिविटी पर भी ध्यान देना होगा।

स्किन की समस्या से आजकल काफी लोग परेशान देखे जा सकते है इसमें होम्योपैथी की भूमिका कैसी है?

स्किन डिसीज में होम्योपैथी काफी अच्छा रोल प्ले करती है स्किन को हम अपनी बॉडी का शीशा बोल सकते है अगर हमारे अंदर कुछ रोग है तो उसका असर हमारी बॉडी पर एक्जिमा, फोड़े- फुंसी के रूप में दिखाई देती है होम्योपैथी से इन रोगों को अन्य पैथी की अपेक्षाक्रत पूरी तरह जड़ से खत्म किया जा सकता है।

होम्योपैथी के जरिये आप किन रोगों में अपनी खास स्पेशलिटी मानते हैं ?

हेयर से जुड़े सभी प्रकार के रोग जैसे बाल झडऩा, गंजेपन की शिकायत, सिर या दाड़ी के बालों का जगह- जगह कोइन की आकृति से गायब होना आदि रोग और स्किन से जुड़े रोग जैसे सफेद दाग, छाजन आदि में मुझे काफी सफलता मिली है इन रोगों में नतीजे चमत्कारी रहे है। इनमें मैं आज अपनी ख़ास स्पेशलिटी मानता हूँ।

पाठकों को आप और क्या संदेश देना चाहेंगे?

स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, कुछ न कुछ फिजीकल एक्टिविटी जरुर करें ताकि आपकी मांसपेशियां सक्रिय रहें और आप स्वस्थ जीवन जियें।

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