Home National RBI को चेतावनी, बैंक डिफॉल्टर्स के नामों को सार्वजनिक किया जाए- सुप्रीम...

RBI को चेतावनी, बैंक डिफॉल्टर्स के नामों को सार्वजनिक किया जाए- सुप्रीम कोर्ट

1022
0

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से दो टूक कह दिया है कि ‘सूचना का अधिकार’ (RTI) कानून के तहत बैंक डिफॉल्टर्स के नामों को सार्वजनिक किया जाए। कोर्ट ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कामकाज के इंस्पेक्शन रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने को कहा है। साथ ही भविष्य में कोर्ट के आदेश के उल्लंघन को लेकर चेतावनी भी दी।

RBI से मौजूदा डिस्क्लोजर पॉलिसी भी खत्म करने को कहा है जस्टिस एल नागेश्वर राव और एमआर शाह की बेंच ने, जिसकी वजह से RTI के तहत सूचना को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। कोर्ट ने RBI को 2015 के आदेश का पालन नहीं करने को लेकर फटकार लगाई, जिसमें पारदर्शिता कानून के तहत सूचना को सार्वजनिक करने को कहा गया था। बेंच ने यह माना कि RBI ने कोर्ट की अवमानना की है, हालांकि कोर्ट ने कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की और चेतावनी दी कि भविष्य में आदेश का उल्लंघन किया तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और RBI को अवमानना कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।

RBI उनके कामों पर पर्दा डाल रहा- अदालत

2015 में कहा था देश की अदालत ने, ‘हमारा मानना है कि कई वित्तीय संस्थान ऐसे काम में लिप्त हैं, जो ना तो साफ हैं और पारदर्शी। RBI उनके कामों पर पर्दा डाल रहा है। RBI का कर्तव्य है कि उन बैंकों के खिलाफ सख्त ऐक्शन ले जो बुरे कारोबारी गतिविधियों में लिप्त हैं।’ गलत कारोबारी गतिविधियों में संलिप्त संस्थानों की जानकारी RTI के तहत सार्वजनिक करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बैंकिंग रेग्युलेटर जानकारी देने से इनकार करता रहा है और इसके लिए नीति भी बनाई जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मेल नहीं खाता।

रिजर्व बैंक को अंतिम मौका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘इस कोर्ट द्वारा पारित आदेश के उल्लंघन पर हम सख्त नजर रख सकते थे, लेकिन हम डिस्क्लोजर पॉलिसी को खत्म करने का आखिरी मौका दे रहे हैं, जो इस कोर्ट के आदेश के खिलाफ है।’

दलील को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने रिज़र्व बैंक से कहा था कि रिपोर्ट में बैंकिंग ऑपरेशंस की गोपनीय जानकारी होती है और पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक करना ठीक नहीं। कोर्ट ने 2015 के आदेश पर दोबारा विचार की अपील भी खारिज कर दी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here