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कार ख़रीदे या, लीज पर लें: यहां जानें

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नई दिल्ली। भारत में लीज पर कार देने के मामले में ह्यूंदै मोटर लेटेस्ट ऑटो निर्माता है। ह्यूंदै मोटर इंडिया के नैशनल सेल्स हेड, विकास जैन का कहना है कि ग्राहकों के लिए सबसे बड़ी चीज है फ्लेक्सिबिलिटी यानी लचीलापन। वह कहते हैं, ‘युवा कामकाजी लोग एक कार के लिए अपनी बचत से डाउन पेमेंट करने की इच्छुक नहीं है। उन्हें ईएमआई से दिक्कत नहीं है लेकिन ये लोग किसी तरह के मालिकाना हक में नहीं बंधना चाहते। कार को लीज पर लेने से ही ये संतुष्ट हो जाते हैं।’ महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, स्कोडा और फिएट दूसरी दिग्गज कार कंपनियां हैं जो रिटेल ग्राहकों को लीज सर्विस ऑफर कर रही हैं।

कार लीज स्कीम की बात करें तो आप हर महीने एक फिक्स अमाउंट का भुगतान कर कार लीज पर ले सकते हैं। आपको लीज सिस्टम में कार की डाउन पेमेंट या फिर कार रीसेल (अगर आप कोई और मॉडल लेना चाहते हैं) जैसी परेशानियां नहीं झेलनी पड़तीं। कार लीज के लिए न्यूनतम लॉक-इन पीरियड दो साल और लीज की अधिकतम अवधि 5 साल है।

वेरियंट लोन पर करा सकते है, 80 प्रतिशत तक फाइनैंस
अगर कार खरीदने की तुलना लीज से करें तो यह लॉन्ग टर्म के लिए थोड़ा महंगा विकल्प है। ह्यूंदै एलीट i20 का बेस पेट्रोल वेरियंट 5 साल के लिए हर महीने 9,813 रुपये में उपलब्ध है। इसमें जीएसटी भी शामिल है लेकिन इसमें मेन्टेनेंस और इंश्योरेंस के दाम शामिल नहीं है। यानी आप 5 साल की कुल अवधि के लिए 5.88 लाख रुपये का भुगतान करेंगे। अगर आप यही वेरियंट लोन पर 80 प्रतिशत फाइनैंस कराकर खरीदते हैं तो आपको 10 प्रतिशत का ब्याज देना होगा। इसके अलावा 1.22 लाख की डाउन पेमेंट के साथ करीब 11,000 रुपये की ईएमआई हर महीने चुकाने होगी। 30 प्रतिशत कम होकर इस मॉजल की रीसेल वैल्यू 5 साल बाद 3.36 लाख रुपये रह जाएगी। यानी रीसेल वैल्यू घटाने के बाद आपको कार के लिए कुल 4.46 लाख रुपये चुकाने होंगे। लीज की तुलना में यह 1.43 लाख रुपये कम है। लेकिन अगर आपके पास डाउन पेमेंट के लिए पर्याप्त सेविंग्स नहीं है, तो आप लीज पर कार ले सकते हैं।

लीज पर कार लेना सब्सक्रिप्शन स्कीम्स से ज्यादा कॉस्ट-एफिशिएंट है। Zap और Revv जैसे प्लैटफॉर्म्स सब्सक्रिप्शन पर कार उपलब्ध कराते हैं। 4 साल के सब्सक्रिप्शन में पहले 12 महीनों के लिए बाकी के 36 महीनों की तुलना में चार्जेज ज्यादा होते हैं। इससे ओवरऑल कॉस्ट बढ़ जाती है जिसे ग्राहक को सब्सक्रिप्शन की अवधि में झेलना होता है। कॉस्ट के अलावा, सब्सक्रिप्शन स्कीम में मिलने वाली कार कमर्शल लाइसेंस प्लेट के साथ आती है जबकि लीज पर कार लेते समय ऐसा नहीं है। हालांकि, सब्सक्रिप्शन स्कीम में लीज के मुकाबले ज्यादा फ्लेक्सिबल लॉक-इन (सिर्फ 6 महीने) पीरियड मिलता है।

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